रांची: कोरोना वायरस कोविड-19 संकट को लेकर भारत सरकार के साथ ही झारखंड सरकार के राजस्व संग्रहण में भी कमी आयी है, वहीं स्थिति से निपटने के लिए खर्च में भी बढ़ोत्तरी हुई है. ऐसी परिस्थिति में राज्य सरकार ने राजस्व संग्रहण में बढ़ोत्तरी को लेकर बुधवार को दो महत्वपूर्ण निर्णय लिये है. इसके तहत अब राज्य के सभी प्रोफेशनल्स को टैक्स देना होगा, वहीं पेट्रोल-डीजल पर राज्य सरकार ने वैट में बढ़ोत्तरी की है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को राज्य मंत्रिपरिषद की हुई बैठक में इस आशय के फैसले को मंजूरी दे दी गयी.
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक समाप्त होने के बाद कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने पत्रकारों को बताया कि सरकार ने झारखंड में वृत्तियों, व्यापारों, आजीविकाओं, रोजगारों पर कर अधिनियम, 2011 के साथ संलग्न अनुसूची में संशोधन के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गई. उन्होंने बताया कि अब राज्य के सभी प्रोफेशनल्स को टैक्स देना होगा. इसके तहत सलाना पांच लाख कमाने वाले पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, वहीं पांच लाख से 10लाख तक आय अर्जित करने वाले को प्रतिवर्ष एक हजार रुपये, दस लाख एक रुपये से 25 लाख तक वाले को 1500, 25लाख एक से 40 लाख तक वाले को 2000 रुपये और 40 लाख से ऊपर आय अर्जित करने वाले को 2500 रुपये प्रोफेशनल्स टैक्स देना होगा. इसके तहत सभी दुकानदार, व्यवसायी, डॉक्टर, वकील, पत्रकार और अन्य सभी प्रोफेनशनल्स आएंगे. प्रोफेशनल्स टैक्स से राज्य सरकार को सलाना 30 करोड़ रुपये की आय अर्जित होगी.
राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर भी वैट बढ़ाने का निर्णय लिया है. कैबिनेट सचिव ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट से राज्य सरकार के राजस्व में भी कमी आयी थी, इसलिए पेट्रोल-डीजल पर वैट पूर्व की भांति 22 प्रतिशत ही रहेगा. इसके तहत डीजल पर पूर्व में 8.35 रुपये प्रति लीटर टैक्स देना होता था, अब इसे बढ़ाकर 12.50 रुपये कर दिया गया है, वहीं पेट्रोल पर 15 रुपये की जगह 17 रुपये टैक्स देना होगा. लेकिन इससे डीजल की कीमत पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. अजय कुमार सिंह ने बताया कि राज्य में अभी डीजल की कीमत प्रति लीटर 66.07 रुपये है, यह बढ़कर 66.83 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी, वहीं पेट्रोल की कीमत 71.24 रुपये की जगह 73.24 रुपये हो जाएगी. इस तरह डीजल पर 76 पैसे और पेट्रोल पर 2 रुपये की बढ़ोत्तरी होगी. इसके अलावा हवाई जहाज को मिलने वाले फ्यूल पर लगने वाले टैक्स को भी 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है, इससे राज्य सरकार को प्रतिवर्ष 35करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होने की संभावना है.
बैठक में राज्य में कोविड-19 संक्रमण एवं संभावित महामारी को देखते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से अनाच्छादित पात्र परिवारों को माह अप्रैल एवं मई 2020 के लिए खाद्यान्न वितरण करने के लिए चावल उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई.