रांची: भाजपा के संथाल क्षेत्र के सह प्रभारी रमेश हांसदा ने झामुमो नेता हेमंत सोरेन के उस बयान को हास्यास्पद बताया है, जिसमें हेमंत ने कहा है कि झामुमो को बहुमत मिल रहा है. उन्होंने कहा की लगता है हेमंत अब दिन में भी सपने देख रहे हैं. जब बहुमत मिल ही रह है तो वोट क्यों मांगते फिर रहे हैं? उन्हें बता दूं कि पहले तीन चरणों के चुनाव में झामुमो कहीं भी टक्कर में नहीं है. मतदाताओं का साफ रुझान भाजपा के पक्ष में दिखा. अब हेमंत अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए संथाल की तरफ देख रहे हैं. इस चुनाव में उन्हें पता चल जाएगा कि संथाल में भी झामुमो की जमीन खिसक चुकी है.
संथाल की जनता को भी अब पता चल गया है कि हेमंत सोरेन और उनके परिवार ने कैसे संथाल के अलावा संथाल से बाहर करोड़ों की जमीन फर्जी तरीके से खरीदी. रमेश हांसदा ने कहा की सोरेन परिवार ने राज्य के विभिन्न जिलों में 33 डीडों के जरिए आदिवासियों की जमीन हड़पी है. हांसदा ने कहा कि हरमू में राजू उरांव की जमीन फर्जी तरीके से ली गयी. उस जमीन पर सोहराई व्यवसायिक भवन बनाया गया है. लेकिन उन्होंने कहा की सारे सौदा 1989 से लेकर 2014 के बीच किए गए. उनके परिवार के अन्य सदस्य भी सीएनटी एसपीटी एक्ट का उल्लंघन करते हुए जमीने खरीदी हैं. अब संथाल की जनता को यह पता चल गया है की खुद को आदिवासियों का मसीहा बताने वाले सोरेन परिवार का असली चेहरा दरअसल जमीन को हड़पने वालों के रूप में सामने आया है. संथाल क्षेत्र को इन्होंने वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है. इन्होंने संथाल की जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया और सत्ता में रहते हुए कभी भी वहां का विकास नहीं किया. हांसदा ने कहा कि संथाल क्षेत्र की तस्वीर अगर बदली है तो वह बीते 5 सालों में भाजपा के कार्यकाल में हुआ है.