मुख्यमंत्री अपने बयान से हिंसा को बढ़ावा दे रहे
रांची: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने भाजपा कार्यकर्ताओं को लाठी डंडे से खदेड़ने वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री संवैधानिक और लोकतांत्रिक मर्यादाओं को भूल रहे हैं.
प्रकाश ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं, परंतु मुख्यमंत्री दोनों उपचुनाव में महा ठगबंधन उम्मीदवार की करारी हार देखते हुए भाषा की नीचता पर उतर आए हैं. स्वस्थ लोकतंत्र में स्वस्थ भाषा की उम्मीद की जाती है, परंतु मुख्यमंत्री भाषा की मर्यादा तोड़ रहे.
उन्होंने कहा कि लाठी-डंडे की बात कर मुख्यमंत्री राज्य में हिंसा को बढ़ावा दे रहे है. पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष एवम राज्य का मुख्यमंत्री यदि ऐसी भाषा का प्रयोग करेगा तो फिर छोटे कार्यकर्ताओं से क्या उम्मीद की जाये.
प्रकाश ने कहा कि भाजपा का यह आरोप की राज्य सरकार के इशारे पर एवं संरक्षण में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याएं हो रही है आज सच साबित हो रहा है.
उन्होंने कहा कि यह सरकार हिंसा, तुष्टीकरण, भ्रष्टाचार,लूट खसोट पर टिकी हुई सरकार है. कहा कि झारखंड को लूटनेवाले एक सजायाफ्ता कैदी की सेवा करना ही यह सरकार अपना राजधर्म समझती है. यह सरकार महिलाओं को थाने में पिटवाना, बेरोजगारों पर लाठीचार्ज करवाना, युवाओं की नौकरी छीनना ही अपना कर्तव्य समझती है.
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार हिंसा को बढ़ावा देगी इसका प्रमाण इसके पहले कैबिनेट से ही मिल गया है. पहली कैबिनेट में ही इस सरकार ने राष्ट्र विरोधी लोगों के मुकदमे वापस लिये. आज उग्रवादी नक्सली फिर से राज्य को अशांत करने में जुट गए हैं.
उन्होंने कहा कि कोरोना वॉरियर्स पर थूकने वाले, डॉक्टर्स नर्सेज को अपमानित करने वालों के सामने यह सरकार मूक दर्शक बनी रही, परंतु राज्य आंदोलन से लेकर राज्य निर्माण और फिर राज्य के विकास के लिये तत्पर भाजपा कार्यकर्ताओं को लाठी से पिटवाने की बात करते हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता मर्यादा की सीमा लांघना नहीं चाहते. लोकतंत्र में जनता सर्वोपरी है. विगत चुनाव में जनता ने भाजपा के नीतियों कार्यक्रमों को सराहा है. पार्टी को जनता ने 50 लाख से ज्यादा वोट देकर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनाया. वहीं महा ठगबंधन झूठ के बल पर 52 लाख मत ही प्राप्त कर सका है.
उन्होंने कहा कि इस उपचुनाव में जनता इनके अहंकार को करारा जवाब देगी. जनता की नजरों में इनके झूठ की गठरी खुल चुकी है.