रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भ्रष्टाचार के मामले में कड़ा रुख अख्तियार किया है. बीते छह महीने में आधा दर्जन मामलों में जांच के आदेश दिये हैं. इन मामलों की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) कर रहा है. कुछ मामलों में ब्यूरो ने मामला दर्ज कर जांच भी शुरू कर दिया है.
कब किस मामले मिले जांच के निर्देश
1 जून
धनबाद नगर निगम में 14वें वित्त आयोग की योजना में लगभग 200 करोड़ रुपए के प्राक्कलन घोटाले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंपा गया. 14 वें वित्त आय़ोग की राशि से धनबाद नगर निगम में 40 सड़कें स्वीकृत की गई थीं. इनमें से कई पीसीसी सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता की कमी समेत कई खामियों होने की शिकायत मिली थी. परामर्शी एजेंसी को 40 में से 13 सड़कों का डीपीआर बनाने का जिम्मा दिया गया था, पर डीपीआर के साथ डिजाइन और तकनीकी प्रतिवेदन नहीं है. पहले से ही बेहतर स्थिति की कई पीसीसी सड़कों को तोड़कर तथा प्राक्कलित राशि कई गुना बढ़ाकर नई पीसीसी सड़क बनाने का आरोप लगा है.
14 जुलाई
मुख्यमंत्री ने देवघर जिले के देवघर प्रखंड स्थित मसनजोरा ग्राम पंचायत के मथुरापुर ग्राम में मनरेगा योजनाओं में बरती गई अनियमितता की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से कराने की मंजूरी दी थी. ब्यूरो को पीई दर्ज करते हुए जांच प्रतिवेदन शीघ्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. मनरेगा योजनाओं में अनियमितता मामले में मसनजोरा ग्राम पंचायत की मुखिया श्रीमती गायत्री देवी और मुखिया पति अशोक ठाकुर और उनके सहयोगी लोचन महतो को दर्ज परिवादपत्र में आरोपी बनाया गया है.
28 जुलाई
झारक्राफ्ट द्वारा हरियाणा के पानीपत से कंबल खरीदने में हुई अनियमितता के मामले में जांच का निर्देश दिया था. ब्यूरो को प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर जांच करने के प्रस्ताव पर सीएम ने अपनी स्वीकृति दे दी थी. कंबल खरीदने में हुई अनियमितता के मामले में झारक्राफ्ट की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी रेणु गोपीनाथ पणिकर, उप महाप्रबंधक मोहम्मद नसीम अख्तर और मुख्य वित्त पदाधिकारी अशोक ठाकुर को आरोपी बनाया गया है.
एक अक्तूबर
रांची शहर के सीवरेज ड्रेनेज निर्माण का डीपीआर बनाने के लिए परामर्शी की नियुक्ति में हुई अनियमितता की जांच के आदेश मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिये थे. विधायक सरयू राय ने जांच की मांग की थी. सीवरेज-ड्रेनेज निर्माण का डीपीआर तैयार करने के लिए मैनहर्ट परामर्शी की नियुक्ति में तत्कालीन नगर विकास मंत्री रघुवर दास एवं अन्य के द्वारा की गयी अनियमितता, भ्रष्टाचार एवं षड्यंत्र के विरुद्ध कानून की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करने के मामले में सरयू राय, सभापति, सामान्य प्रयोजन समिति, सदस्य, झारखंड विधानसभा के परिवाद पत्र एवं उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में अग्रेतर कार्रवाई के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से जांच कराने का आदेश दिया था.
23 अक्तूबर
झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड के तत्काकलीन निदेशक निरंजन कुमार (अतिरिक्त प्रभार-प्रबंध निदेशक, झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम), अरविंद कुमार, बलदेव प्रसाद (तदेन परियोजना निदेशक, जरेडा) और श्रीराम सिंह, विद्युत कार्यपालक अभियंता, टीवीएनएल (प्रतिनियुक्ति-जरेडा) के विरुद्ध पद के दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने के आरोप के मामले में कांड दर्ज करने और दिए गए दो सुझावों के साथ अनुसंधान के प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी. इन सुझावों के तहत अनुसंधानकर्ता द्वारा अनुसंधान के क्रम में सभी आरोपी पदाधिकारियों को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जाएगा. अनुसंधान तथा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा ऊर्जा विभाग के द्वारा इस मामले को लेकर गठित समिति के प्रतिवेदन में दिए गए तथ्यों को विचारित करे.
5 नवंबर
मुख्यमंत्री ने स्किल समिट -2018 और ग्लोबल स्किल समिट- 2019 में लोगों को दिए गए ऑफर लेटर और उनके नियोजन की अद्यतन स्थिति को लेकर खड़े किए गए सवालों पर उठे विवाद की जांच एक स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराने का निर्णय लिया है. पंचम झारखंड विधान सभा के द्वितीय सत्र में स्किल समिट- 2018 और ग्लोबल स्किल समिट- 2019 में जिन व्यक्तियों को ऑफर लेटर दिए गए, उनके नियोजन को लेकर पूछे अल्पसूचित प्रश्न में विधायक प्रदीप यादव ने कई गंभीर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने सरकार से इस मामले की जांच एक स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराने की मांग रखी थी. उक्त क्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मुद्दे को अत्यंत गंभीर मानते हुए स्वतंत्र जांच एजेंसी से इसकी जांच कराने का निर्णय लिया है.