रांची: झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश एचसी मिश्रा दुष्कर्म के मामले में संज्ञान लिया है. उन्होंने रांची के न्यायायुक्त-सह-अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार नवनीत कुमार को दुष्कर्म पीड़िता को अविलंब विधिक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया. इस पर न्यायायुक्त ने डालसा सचिव को एक टीम गठित कर चान्हो प्रखंड के बलथरवा ग्राम में जाकर पीड़िता से मिलकर हर संभव मदद पहुंचाने का निर्देश दिया.
डालसा सचिव द्वारा गठित टीम बलथरवा पहुंचकर पीड़िता और उसके परिवारवालों से मुलाकात की. उसकी वर्तमान स्थिति के संदर्भ में जानकारी ली. किसी प्रकार की सरकारी योजनाओं का लाभ पीड़िता और उसके घरवालों को अब तक नहीं मिला है, जिसके लिए डालसा द्वारा गठित टीम सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए आवेदन प्राप्त किया.
ज्ञात हो कि खलारी से सटे गांव बलथरवा में अनाथ पीड़िता रहती है. वह चार साल पहले 2016 में गांव के ही पांच लड़कों द्वारा दुष्कर्म किये जाने से 15 साल की उम्र में गर्भवती हो गयी थी. अभी पीड़िता की दिमागी हालत भी ठीक नहीं है. वह ठीक से बोल भी नहीं पाती है. उसकी बेटी भी तीन साल की हो गयी है.
यह भी ज्ञात हो कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची की मदद से झारखंड पीड़ित मुआवजा अधिनियम के तहत 2 लाख रुपये पूर्व में पीड़िता को दिया गया है. पीड़िता ने प्रधानमंत्री आवास योजना, अंत्योदय राशन कार्ड, मुआवजा के लिए आवेदन डालसा टीम को दिया. इसपर त्वरित कार्रवाई के लिए जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को अग्रसारित किया गया.
पीड़िता को पीएलवी की सहायता से 14 फरवरी को डालसा कार्यालय में लाया जाएगा. रिनपास में चल रहा ईलाज को पुनः चालू कराकर चिकित्सा का लाभ दिलाया जाएगा.
डालसा द्वारा गठित टीम में पैनल अधिवक्ता कैलाश गोप, पीएलवी सुमन ठाकुर, रामतिलक साहु, जौरा उरांव, बबली कुमारी, सत्यपाल शर्मा एवं शमीम अंसादी आदि लोग शामिल हैं.