रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने झारखंड सरकार द्वारा पीसीसीएफ पद पर पी के वर्मा की नियुक्ति और पीसीसीएफ़ को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अध्यक्ष बनाने के मामले को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए पी के वर्मा को नोटिस जारी किया है और आगामी 15 दिसंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया है.
न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी की एकल पीठ ने झारखंड सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी जवाब फाईल करने के लिए कहा है. रिट याचिका जमशेदपुर के पर्यावरणप्रेमी प्रतीक शर्मा ने दायर की है. मुकदमे की पैरवी उच्च न्यायालय के अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने की. अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी.
याचिका में कहा गया है कि पी के वर्मा की पीसीसीएफ और राज्य प्रदूषण बोर्ड के पदों पर नियुक्ति अवैध है. वर्मा के पास इन पदों पर नियुक्त होने की योग्यता नहीं है. एनजीटी और सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पद पर नियुक्त होनेवाले के पास पर्यावरण की विशेष योग्यता होना जरूरी है, जो पी के वर्मा के पास नहीं है. मुख्यमंत्री द्वारा इस बारे में संचिका पर दिया गया आदेश भी अनुचित एवं अवैधानिक है.
पी के वर्मा को पीसीसीएफ बनाना भी सही नहीं है. वन्य जीव प्रतिपालक के रूप में पी के वर्मा ने दायित्व का पालन नहीं किया है. उनपर कई आरोप भी हैं जिनका जिक्र याचिका में है.
ज्ञातव्य है कि इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय है कि यदि कोई सुधी व्यक्ति बिना पर्यावरण की विशेष जानकारी रखे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त होता है तो इससे क्षुब्ध कोई व्यक्ति उच्च न्यायालय में जा सकता है. इसी आदेश के अनुसार याचिका झारखंड हाईकोर्ट में दायर की गई है.