यह किसी का नितांत व्यक्तिगत मामला है जिसे एक बार ‘पब्लिक डोमेन’ में ले जाओ तो फिर ऐसे मामलों मे रसपान करने और आपको नीचे दिखने वालों का ताँता लग जाता है और यह किस स्तर तक होता है, उससे हम सभी अवगत हैं। खबरों पर मक्खियां टूट पड़ीं… क्या हम जानते हैं क्या होता है घर से बेटी का भाग जाना? क्या हमारे किसी करीबी के घर में कभी देखा-सुना है हमने बेटी को भागते हुए…क्या कोई पहली बार घर से भागी है? इससे पहले भी घर से भाग कर शादी हुई हैं, फिर आखिर साक्षी के मामले में इतना रस, इतना स्वाद, इतना चटखारा क्यों?
भारतीय युवा स्प्रिंटर हिमा दास देश की शान में शानदार प्रदर्शन लगातार जारी रखे हुए हैं। उन्होंने 15 दिनों के भीतर चौथा स्वर्ण पदक जीत लिया है। हिमा दास अपना ही रेकॉर्ड तोड़ने में लगी हुई हैं। हिमा ने चेक गणराज्य में हुए टाबोर ऐथलेटिक्स टूर्नमेंट में 200 मीटर स्पर्धा का स्वर्ण जीता। हिमा ने बुधवार को हुई रेस को 23.25 सेकेंड में पूरा करके सोना जीता। हमवतन वी.के विसमाया 23.43 सेकेंड का समय निकालते हुए दूसरे पायदान पर रहीं।
लेकिन हमारे लिए हिमा दास खबर नहीं है, खबर तो है साक्षी मिश्रा क्यूंकि उससे हमे TRP मिलती है, मौका मिलता है खुद के विभस्त चेहरों को किसी के सामाजिक हनन का आवरण ओढ़ कर प्रसिद्धि बटोरने का।
साक्षी मिश्रा मामले में प्रतिष्ठित चैनल की ‘गति‘ और अति प्रतिष्ठित एंकर की ‘अति‘ ने मामले को इतना विकृत कर दिया है कि जितना लड़की के पक्ष में बहस उठाने की कोशिश कर रही हैं और उतनी ही दुगनी गति से लड़की को गालियां मिल रही है, जितना वे विधायक को विलेन बताने में पसीना बहा रही हैं उतना ही उनके पक्ष में बयार चल रही है… बिना जांच-पड़ताल और बिना मुद्दे को समझे हड़बड़ी में ऑनस्क्रीन किए इस एपिसोड का नतीजा यह हुआ है कि मीडिया भी गाली खा रहा है और कहानी के किरदार भी…
समाज हमसे बनता है, हम बनाते हैं इसे, अपनी सोच से और अपने कर्म से.इस समाज को आगे बढ़ाने और सही दिशा दिखने मे चौथे स्तम्भ का बड़ा योगदान होना चाहिए. ऐसी सोच से कैसे बढ़ेगा इंडिया?