रांची: देश के मजदूर और कर्मचारी संगठनों ने 9 अगस्त के ऐतिहासिक दिन को भारत बचाओ दिवस के रुप में मनाए जाने का फैसला लिया है. उल्लेखनीय है कि आजादी के आंदोलन के दौरान सन 1942 में 8 अगस्त को ही बंबई के आजाद मैदान से महात्मा गांधी ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ-अंग्रेजों भारत छोड़ो का ऐलान किया था और 9 अगस्त से पुरे देश में ब्रिटिश शासकों के खिलाफ देश की जनता संड़कों पर उतर गयी थी.
देश के ट्रेड यूनियन आंदोलन ने इसी ऐतिहासिक दिवस की स्मृति में और उससे प्रेरणा लेते हुए देश की संपदा की हो रही लूट के खिलाफ भारत बचाओ दिवस आयोजित किए जाने का आह्वान किया है.
ट्रेड यूनियनों ने 9 अगस्त को शासक वर्ग द्वारा हमारे सार्वजनिक उधमों के प्रतिष्ठानों जैसे रक्षा, कोयला, इस्पात, दूर संचार, बैंक, बीमा, रेलवे, पेट्रोलियम, एअरपोर्ट और बंदरगाह समेत अन्य महत्वपूर्ण उधोगों को देशी-विदेशी पूंजीपतियों को कौड़ी के मोल सौंपे जाने के खिलाफ विरोध कार्रवाईयां आयोजित कर केंद्र सरकार के इस विनाशकारी आत्मघाती और राष्ट्र विरोधी हथकंडों पर देशव्यापी विरोध दर्ज किए जाने का एलान किया है.
झारखंड में इस विरोध कार्रवाई को सफल बनाने के लिए आज डिजिटल प्लेटफार्म पर विभिन्न ट्रेड यूनियनों, फेडरेशनों और एशोसियेशनों की एक संयुक्त आभासी बैठक इंटक के अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय की अध्यक्षता में की गई, जिसमें सीटू के प्रकाश विप्लव, एचएमएस के रघुनंदन राघवन, एटक के पी. के. गांगुली, एक्टू के शुभेंदु सेन, बेफी के एम. एल. सिंह, एफएमआरएआई के अनिर्वान बोस एआईआरटीडब्लूएफ के के. पी. राय, निर्माण कामगारों के फेडरेशनो से भुवनेश्वर केवट, महेश मुंडा, सच्चिदानंद और आलोका समेत कई श्रमिक नेताओं ने हिस्सा लिया.
बैठक में 5 अगस्त को ट्रांसपोर्ट कामगारों का संयुक्त देशव्यापी विरोध दिवस, 7और 8 अगस्त को स्कीम वर्करों (आंगनबाड़ी कर्मचारियों, मिड डे मिल वर्कर) की अखिल भारतीय हड़ताल और 18 अगस्त को कोयला मजदूरों की हड़ताल का समर्थन किए जाने का फैसला करते हुए केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने अपनी सभी संबद्ध युनियनों का आह्वान किया है कि वे स्थानीय स्तर पर इन हड़तालों और विरोध कार्रवाईयों के साथ एकजुटता प्रकट करें.
बैठक में 9 अगस्त के संयुक्त कार्यक्रम की तैयारी के लिए व्यापक प्रचार प्रसार के क्रम में संयुक्त हैंडिल का वितरण, मजदूरों से संपर्क, गेट मिटिंग, पिट मिटिंग, पोस्टरिंग और 7 अगस्त को सभी जगह संयुक्त प्रेस वार्ता आयोजित की जाये.
इन सभी कार्यक्रमों में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एडवाइजरी और शारीरिक दूरी के नियमों का सख्ती से पालन किया जाये.
9 अगस्त को कार्यक्रम के बाद स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के पास सीमित संख्या में डेलिगेशन/डेपुटेशन देकर माननीय राष्ट्रपति को संबोधित मांगपत्र का ज्ञापन सौंपा जाए.
कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर यानि 8 अगस्त को पूर्वाह्न 11 बजे से एक संयुक्त आभासी(वर्चुअल) राज्य स्तरीय सभा होगी, जिसे ट्रेड यूनियनों और फेडरेशनों के नेतागण संबोधित करेंगे.