न्यूयार्क: अमेरिका से सनसनीखेज खबर है. यहां पिछले 100 सालों की सबसे बड़ी डकैती या यूरोप के इतिहास की सबसे बड़ी टैक्स चोरी सामने आई है. दो इन्वेस्टमेंट बैंकर्स, मार्टिन शील्ड और पॉल मोरा ने कॉमेक्स ट्रेडिंग स्कीम के जरिए यूरोप के कई देशों के खजाने से 60 अरब डॉलर (वर्तमान भाव पर 4.20 लाख करोड़ रुपए) की टैक्स चोरी की है. इस काम में सैकड़ों बैंकर, निवेशक और वकीलों ने उनका साथ दिया. हालांकि उन्हें पता नहीं चला कि आखिर खेल क्या चल रहा है.
टैक्स चोरी के इस सनसनीखेज घोटाले को 2006-2011 के बीच अंजाम दिया गया. खास बात यह है कि दुबई निवासी भारतीय मूल का ब्रिटिश नागरिक संजय शाह भी इस टैक्स चोरी में शामिल था.
उसने मार्टिन व पॉल की तरह कॉमेक्स ट्रेडिंग की तर्ज पर डेनमार्क के सरकारी खजाने पर हाथ 2 अरब डॉलर (14 हजार करोड़ रुपए) का चूना लगाया. हालांकि, शाह ने किसी भी किस्म की धांधली में अपना हाथ होने से साफ इन्कार किया.
मार्टिन और पॉल बैंक ऑफ अमेरिका की निवेश बैंकिंग शाखा मेरिल लिंच के लिए काम करते थे. साल 2004 में दोनों की मुलाकात लंदन में हुई थी. मार्टिन ब्रिटेन तो पॉल न्यूजीलैंड का रहना वाला है. यहीं पर दोनों ने मिलकर कॉमेक्स ट्रेडिंग नामक स्कीम शुरू की. इसके तहत निवेशकों को डबल टैक्सेशन यानी दोहरे कराधान से बचाया जाता था.
इसका मतलब यह हुआ कि निवेश से होने वाली कमाई पर न्यूनतम टैक्स लगे और अधिकतम बचत हो. मार्टिन और पॉल इतने जानकार और चालाक थे कि डिविडेंड टैक्स पेमेंट पर डबल रिफंड लेते थे. यह पूरा खेल सही टाइमिंग और कानून की कमजोरियों के इस्तेमाल पर चल रहा था. इस काम में उन्हें महारत हासिल थी. ज्यादा बचत के कारण कॉमेक्स ट्रेडिंग का कारोबार तेजी से फैलता गया.
दोनों की टैक्स चोरी के इस मकडज़ाल में फंसकर जर्मनी को सबसे बड़ा नुकसान हुआ. उसके खजाने को 30 अरब डॉलर (2.1 लाख करोड़ रुपए) का चूना लगा. जर्मनी के बाद फ्रांस 17 अरब डॉलर (करीब 1.2 लाख करोड़ रुपए) की टैक्स चोरी का शिकार हुआ.
इसके अलावा स्पेन, इटली, बेल्जियम ऑस्ट्रिया, नॉर्वे, फिनलैंड, पोलैंड जैसे देशों को भी टैक्स चोरी के चलते भारी नुकसान उठाना पड़ा है. इस टैक्स चोरी के मामले की सुनवाई फिलहाल बॉन (जर्मनी) की एक अदालत में पिछले साल सितंबर से चल रही है.