खास बातें:-
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जवान के बच्चे अपने पापा से मिठाई और पटाखे की जिद करते हैं.
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क्या होमगार्ड जवान को सम्मान के साथ जीने का अधिकार नहीं है.
रांचीः झारखंड के होमगार्ड जवानों का दर्द छलक गया. जवानों का लेख सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. लेख में जवानों ने लिखा है कि अभी कुछ दिन के बाद दीपावली का सबसे बड़ा त्यौहार आने वाला है. यह त्यौहार खुशियों का त्यौहार है, परंतु होमगार्ड के जवान अपनी खुशी कैसे मनाए जब उनके द्वारा की गई ड्यूटी के मानदेय का भुगतान भी कई महीनों एवं कई वर्षों से लंबित है.उस जवान के बच्चे अपने पापा से मिठाई के लिए और पटाखे की जिद करते हैं परंतु वह जवान कहां से अपने बच्चों को मिठाई और पटाखे लाकर दे यह सोच सोच कर उसकी मानसिक हालत खराब हो जाती है. आखिर वह कर भी क्या सकता है.
सरकार सिर्फ ड्यूटी लेना जानती है
झारखंड सरकार हो या होमगार्ड विभाग केवल होमगार्ड जवान से ड्यूटी लेना जानते हैं परंतु उनके मानदेय का भुगतान कैसे जल्दी हो इसकी सुध तक उन्हें नहीं रहती. क्या होमगार्ड जवानों को दीपों का त्यौहार दीपावली अपने परिवार के साथ खुशी पूर्वक मनाने का अधिकार नहीं है. सरकारी कर्मचारियों को दीपावली का बोनस मिलता है. परंतु होमगार्ड को तो बोनस की बात ही दूर उनको तो उनके ड्यूटी का मानदेय का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. बहुत ही पीड़ा दाई जिंदगी झारखंड राज्य के होमगार्ड जवानों को बिताने के लिए विवश होना पड़ता है, क्योंकि वह अनुशासन में बंधे हुए हैं. क्या होमगार्ड जवान को सम्मान के साथ जीने का अधिकार नहीं है.