हज़ारीबाग़: कोरोना वायरस को वुहान वायरस भी कहा जा रहा है. क्योंकि इस वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई. हज़ारीबाग़ के मशहूर होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ आनन्द कुमार शाही ने बताया कि कोरोना वायरस कोई एक वायरस नहीं है, बल्कि ये कई वायरसों का एक समूह है. डॉ शाही का कहना है कि इस वायरस के ज्यादातर केस अब तक बिल्ली, चमगादड़ और ऊंट जैसे जानवरों में ही देखे गए हैं. ऐसे में पूरी आशंका है कि ये वायरस जानवरों से ही इंसानों तक पहुंचा.
हालांकि कुछ स्टडी में इस वायरस का सोर्स चमगादड़ और सापों को भी बताया गया है. डॉक्टर आनन्द शाही का कहना है कि इस वायरस की चपेट में आने के बाद लापरवाही जानलेवा हो सकती है. इस वायरस का पता आसानी से लगाया जा सकता है. सांस लेने में तकलीफ़, खांसी या फिर जुकाम, बुखार, सिर में दर्द और मांसपेशियों में दर्द हो तो नजरंदाज न करें, बल्कि तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
डॉ शाही ने कोरोना वायरस से बचने के लिए होम्योपैथी की एकोनाइट, आर्सेनिक, औरमट्राई फीलियम, कैंफर,कार्बोवेज, नक्स वॉमिका, बैक्टीसिया, पैट्रोलियम, ब्रायोनिया,यूपाटोरियम परफोलिएटम, सल्फर, बेलाडोना आदि होम्योपैथिक औषधियां लक्षण अनुसार बेहद कारगर है. और आगे डॉ आनंद शाही ने बताया कि इस वायरस से बचने का कोई विशेष तरीका विकसित नहीं हो पाया है, लेकिन कुछ सावधानी बरतकर आप इस वायरस की चपेट में आने से बच सकते हैं.
जैसे- खांसते और छींकते वक्त अपना मुंह और नाक ढंक कर रखें, अगर किसी शख़्स को खांसी-जुकाम है तो उससे उचित दूरी बनाकर रखें, मांस और अंडों को खूब पकाकर इस्तेमाल करें और जानवरों से जितनी दूरी हो सके बनाकर रखें. अपने हाथ साबुन और पानी या अल्कोहल युक्त हैंड रब से साफ करें. जिन्हें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों, उनके साथ करीबी संपर्क बनाने से बचें . मीट और अंडों को अच्छे से पकाएं.जंगल और खेतों में रहने वाले जानवरों के साथ असुरक्षित संपर्क न बनाएं.