रांची: नियोजन नीति मामले में मंगलवार को सदन पूरी तरह से गर्म रहा. पक्ष-विपक्ष के नेताओं के बीच जम कर वाक्यूद्धहुआ. सरकार ने पूर्व की सरकार द्वारा किये गये कार्यों पर भी सवाल खड़ा किया. हेमंत सोरेन सरकार में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि पूर्व की सरकार ने जो पाप किया है उसे हमलोग धो रहे हैं. पूर्व की सरकार की नीतियों की वजह से आज लोगों को नुकसान हो रहा है. नियोजन नीति पर जो फैसला आया है उस पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है. इसमें किसी प्रकार का कोई किंतु-परंतु नहीं है.
गंभीर विषयों पर राय लेनी चाहिए थी: सुदेश
विधायक सुदेश महतो ने कहा कि नियोजन नीति एक गंभीर मसला है, इसपर मुख्यमंत्री को अपनी बात रखनी चाहिए थी. इसमें दलित नेताओं की भी राय लेनी चाहिए थी. लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ. हमलोगों ने भी इस पर बात रखने की कोशिश की थी. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को भी ध्यान देना चाहिए कि जब कोई गंभीर विषय है और उसपर सदन के नेता जवाब दे रहे हैं तो निश्चित ही जो दल के नेता हैं उनकी राय आनी चाहिए.
न्यायालय का आदेश सर्वोपरि है: भोक्ता
मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि न्यायालय का आदेश सर्वोपरि है. विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. इन पांच वर्षों में झूठे भाषण और झूठे आश्वासन पर सरकार चली है. सहायक पुलिस व शिक्षक की बहाली तो हुई पर उसमें गड़बड़ी हुई है. वैसे भी संवैधानिक प्रक्रिया के तहत सबको कहने का अधिकार है. सबने अपनी बातें रखी है.