दिल्ली: वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के बयान पर विपक्षी दलों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही गुरुवार को तीन बार स्थगित कर दी गई. लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कराधान और अन्य कानून (संशोधन और कुछ प्रावधानों का छूट) विधेयक, 2020 पेश किया गया था.
इस विधेयक के प्रावधानों और पीएम केयर फंड पर विपक्ष की आपत्तियों का जवाब देते हुए, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम केयर फंड का विरोध केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि विपक्ष को हर चिठ्ठी में दोष लगता है.
उन्होंने कहा कि वे ईवीएम के विरोध में हैं क्योंकि कई चुनाव हार गए हैं. ठाकुर ने कहा कि विपक्ष ने जन धन योजना, डिमनेटाइजेशन, ट्रिपल तालक और जीएसटी जैसे फैसलों का भी विरोध किया था, जिससे पता चलता है कि विपक्ष के इरादे गायब हैं, इन फैसलों में नहीं.
उन्होंने कहा कि बच्चों, बुजुर्गों, अभिनेताओं, नेताओं और समाज के सभी वर्गों से पीएम केयर फंड को दान दिया गया है. ऐसे में इस पर सवाल उठाना गलत है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में, गांधी-नेहरू परिवार के सदस्यों को निजी लाभ प्रदान करने के लिए कई संस्थानों का गठन किया गया था.
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1948 में एक शाही आदेश की तरह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष बनाया लेकिन उसका पंजीकरण आज तक नहीं किया गया है. पंडित नेहरू और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इसके सदस्य थे, इस पर बहस होनी चाहिए.
इसके कारण कांग्रेस सदस्य अपनी सीटों से उठकर गलियारे में खड़े हो गए और जोर-जोर से माफी मांगो – माफी मांगो ‘के नारे लगाने लगे. इस बीच, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस तरह से उन नेताओं का नाम लिया जा सकता है जो अब दुनिया में नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि गांधी-नेहरू परिवार के खिलाफ श्री ठाकुर के आरोप अनुचित थे. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर नामजद आरोप लगाना अशोभनीय है. लेकिन उन्होंने (ठाकुर ने) पूरा माहौल खराब कर दिया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) से पीएम केयर फंड की बात करते हुए कभी कुछ गलत नहीं कहा. सरकार के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि कितनी चीनी कंपनियों ने PM Cares Fund को पैसे दान किए.