संवाददाता,
रांची: रांची विश्वविद्यालय में एक एमबीए विभाग भी है. यहां पर एमबीए और तीन वर्षीय पाठ्यक्रम संचालित किये जाते हैं. इसके निदेशक ज्योति कुमार हैं, जबकि प्लेसमेंट इंचार्ज अलका सिंह हैं. रांची विश्वविद्यालय के एमबीए पाठ्यक्रम को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) से मान्यता भी नहीं मिली हुई है पर झाड़-फांस अधिक है. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश पांडेय का कहना है कि हमें एआइसीटीइ के एप्रूवल की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम खुद अपना डिग्री देते हैं, जिसकी मान्यता सभी जगह है.
एमबीए के पाठ्यक्रम में सलाना एक सौ से अधिक छात्रों का दाखिला होता है. कितनों को प्लेसमेंट मिलती है. इसकी जानकारी नहीं है. हां विभाग के वेबसाइट में विजन एंड मिशन से लेकर प्लेसमेंट तक के अलग-अलग बार चार्ट बनाये गये हैं. इसमें प्लेसमेंट सेल भी एक है. इसमें आइसीआइसीआइ, एसबीआइ, मेकॉन, जिंदल स्टील, बजाज एलियांज समेत अन्य कंपनियों के फोटो दिखलाये गये हैं, जिसमें छात्रों के प्लेसमेंट का दावा किया जा रहा है.
2002 में इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के नाम से एमबीए विभाग की शुरुआत की गयी थी. इसके बाद से लगातार 2005 से पास आउट स्टूडेंट्स भी निकले हैं. इन्हें कहां नौकरी मिली, इसकी जानकारी प्लेसमेंट सेल नहीं देना चाहता है. विभाग के निदेशक भी इस पचड़े में नहीं पड़ना चाहते हैं. यहां यह बताते चलें कि नैक एक्रीडीटेशन में रांची विवि को ए श्रेणी में रखा गया है.