आज के समय में शायद ही ऐसे कोई बच्चे होंगे जो खूद से पढ़े. ज्यादातर बच्चे पढ़ने से भागते है. ऐसे में कामकाजी माता-पिता अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते. लेकिन अगर वो अपने बच्चे को पढ़ाने बैठते है तो गुस्से में वो अपने बच्चे पर हाथ उठा देते है, जिससे बच्चे पढ़ते तो है लेकिन वो उनके दिमाग में बैठ नहीं पाता है. इन सभी चिजों से बचने के लिए आइए जानते है हम अपने बच्चों के कैसे पढ़ाये जिससे वो निरस ना हो और मन लगा कर पढ़ाई कर सके.
बच्चों को पढ़ाने के दिलचस्प तरीके क्या हो सकते हैं कि बच्चों को पढ़ाई नीरस न लगे-
- बच्चे पर कभी हाथ ना उठाए – अगर आपको लगता है कि आपके मारने से बच्चा कुछ पढ़ लेगा, तो आप गलत हैं. आपके मारने से बच्चे के मन में पढ़ाई के प्रति और ज्यादा रोष जागृत होगा और मार के डर से जितना उसे आता है, वो भी भूल जाएगा.
- बच्चे को डराएं, धमकाएं नहीं – कुछ माता-पिता बच्चों को डराते धमकाते हैं कि अगर पढ़ाई नहीं की तो आज खाना नहीं मिलेगा या स्टोररूम में बंद कर देंगे या फिर स्कूल से नाम कटवा देंगे. अपने मासूम बच्चे पर ये सब इमोशनल हथियार ना आजमाएं. इसका बच्चे के कोमल मन पर बुरा असर पड़ता है.
- बच्चे की बातों को अनसुना ना करें – अगर आपका बच्चा आपको कुछ बताना चाहता है या आपसे कोई प्रश्न पूछना चाहता है तो धैर्य से उसकी बात सुने. उसे सही व तार्किक जवाब दें.
- बच्चे को किसी और के सामने डांटे नहीं – बच्चे को कभी भी उसके दोस्तों या अपने रिश्तेदारों या घर में आए मेहमानों के सामने डांटें नहीं. इससे बच्चा अपमानित महसूस करता है. परिणामस्वरूप बच्चे का मनोबल गिरता है और उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता.
- बच्चों को पढ़ाने से पहले माता-पिता को खुद ये सीखना जरूरी है कि छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाया जाए, ताकि बच्चा पढ़ाई से बोरियत महसूस ना करे, पढ़ाई में उसकी रुचि बनी रहे.
बच्चे को पढ़ते वक्त निम्नलिखित बातों का ख्याल रखें –
1. अगर आपका बच्चा बहुत छोटा है तो उसके लिए चित्रों वाली किताब लेकर आएं. सुनने से ज्यादा जल्दी देखी हुई चीजें मस्तिष्क पर अपनी छाप छोड़ती हैं. इसलिए जब वो किताब में बने हुए चित्रों को देखेगा तो उसकी रुचि बनी रहेगी और वो चित्र को देखकर चीजों को समझने की कोशिश करेगा.
2. कविताओं के माध्यम से पढ़ाने के कोशिश करें या फिर कविताओं वाले वीडियो की मदद से सिखाने की कोशिश करें. जैसे आप बच्चे को नदी या पहाड़ के बारे में पढ़ाना चाहते हैं तो कोई अच्छी सी कविता ढूंढे या खुद बनाएं, उसके माध्यम से उसे पढ़ाएं. इससे बच्चा हंसते गाते हुए नई नई चीजें सिखेगा और पढ़ाई में उसकी रुचि भी बनी रहेगी.
3. छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए कई तरह के खिलौने भी बाजार में आने लगे हैं. 3D alphabets, बोलने वाले खिलौने, पक्षियों या जानवरों के मॉडल, रंग बिरंगे चित्रों वाले चार्ट्स, इन सबकी मदद से आप बच्चे को खेल खेल में बहुत कुछ सिखा सकते हैं।
4. जब तक उनकी जिज्ञासा शांत ना हो जाए, बच्चे एक ही चीज़ को बार बार पूछते हैं। बच्चे के बार बार पूछने पर ग़ुस्सा ना करें व शांत रह कर उनके प्रश्नों के तार्किक जवाब दें। जब तक बच्चा आपसे सवाल कर रहा है, तब तक आपको ख़ुश रहना चाहिए, क्यूँकि वो कुछ नया सीखने की कोशिश कर रहा है।
5. बच्चे को घर में बांधकर मत रखें। बच्चे अपनी आँखों से चीजों को देखकर और दूसरे बच्चों से मिलकर भी काफी कुछ सीखते हैं। इसलिए उसे अपने साथ पार्क, गार्डन, म्यूज़ीयम वग़ैरा में लेकर जाएँ। जब तक वो नई चीज़ें देखेगा नहीं, तब तक सिखेगा कैसे!
6. आजकल तो घर घर में कम्प्यूटर है। बच्चे को कम्प्यूटर के माध्यम से पढ़ाने, नई चीज़ें सिखाने की कोशिश करें। कम्प्यूटर पर कई तरह गेम्ज़ भी आती हैं, जिनमे बच्चों को खेल खेल में पढ़ाया जाता है। उनकी मदद से आप बच्चे को पढ़ा सकते हैं।
7. आजकल ज़्यादातर स्कूल के पाठ्यक्रम की पुस्तकों में उनकी CD साथ में ही आती है। उस CD को कम्प्यूटर के माध्यम से बच्चे को दिखाएँ। देखी गई चीज़ें जल्दी याद होती हैं, और रुचि भी बनी रहती है। आपके बच्चे को इससे निश्चित रूप से फ़ायदा होगा।
8. बच्चे का मनोबल बढ़ाएं – बच्चा जब भी कोई नई चीज़ सीखे तो उसका मनोबल ज़रूर बढ़ाएँ। और अगर वो जल्दी नहीं भी सीख पा रहा है तो उसको प्रोत्साहित करें। उसे कहें कि हम जानते हैं तुम कर सकते हो, हमें तुमपे भरोसा है। आपके भरोसा जताने से बच्चे का मनोबल बढ़ेगा।
9. बच्चे को इनाम दें – बच्चा जब भी कोई नई चीज़ सीखे तो उसे कुछ इनाम दें, बच्चे इनाम पाकर ख़ुश हो जाते हैं। इससे नई नई चीज़ें सीखने में उसकी रुचि बढ़ेगी।
10. बच्चे की तारीफ करें – दोस्तों, रिश्तेदारों, घर में आए मेहमानो के सामने बच्चे की तारीफ़ करें। इससे बच्चे का आप पर विश्वास और प्यार बढ़ेगा। और आपकी सिखाई बातों को वो और अच्छे से सीखने की कोशिश करेगा।
याद रखें कि ये धैर्य से करने वाला काम है। एक दिन में आपको लक्ष्य प्राप्ति नहीं होगी। बच्चे का दिमाग़ धीरे धीरे विकास करता है, आप सही तरीके से उसे सिखाते जाइए, पढ़ाते जाइए, आप ज़रूर सफ़ल होंगे। बस एक बात ज़रूर ध्यान में रखें कि आपको संयम से काम लेना है, बच्चे को डराना, धमकाना या मारना नहीं है। इन सब बातों का बच्चों के कोमल मन पर बुरा असर पड़ता है। हो सकता है आपका बच्चा पढ़ने की बजाय, पढ़ाई से पूरी तरह विमुख हो जाए। धैर्य से काम लें, आपको सफलता ज़रूर मिलेगी।