राहुल मेहता
रांची: वैश्विक महामारी कोरोना का प्रकोप आज नहीं तो कल समाप्त हो ही जायेगा. परंतु इसका प्रभाव लम्बे समय तक रहेगा, इसमें कोई संशय नहीं. सामान्य काल में जिंदगी की जद्दोजहद के भंवर में फंस कर समझौता करने वाले परिवार कोरोना के बाद के कठिन दिनों में अपना संघर्ष कायम रख पायेंगें भी या नहीं, यह भविष्य के गर्भ में छिपा है. पुराने अनुभव तो यही बताते हैं कि संकट का सर्वाधिक प्रभाव बच्चों और महिलाओं पर पड़ता है. उपयुक्त संशाधन के अभाव में, पेट की भूख लोगों को पैसे कमाने के सरल और त्वरित उपाय खोजने के लिए मजबूर कर देती है. ऐसे में मानव व्यापार या मानव तस्करी की संभावना प्रबल हो जाती है.
मानव तस्करी क्या है? इसके मूल कारण क्या हैं?
कमीशन पर इंसान की खरीद-बिक्री, लालच देकर, जबरन या बहला फुसला कर एक जगह से दूसरे जगह ले जाना मानव तस्करी कहलाता है. मानव तस्करी के मूल कारण अनेक हैं. ये स्थानानुसार भिन्न-भिन्न होते हैं तथा सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य कारणों से प्रभावित होते है. सामान्यतः जब संभावित पीड़ित/ पीड़िता प्रवास करते है तो वे अपने नौकरी के लिए अपराधी पर विश्वास करते है और उनके अधीन आ जाते है. वे प्रवासित राज्य में अपराधी पर आश्रित हो जाते है. क्रमश: अपराधी का सहयोग जोर जबरदस्ती में बदल जाता है.
आपदा, गरीबी, उत्पीड़न, सामाजिक और आर्थिक अवसरों का अभाव, सामाजिक-राजनैतिक अस्थिरता, प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियां व्यक्ति को बेहतर जिन्दगी के लिए अपने राज्य से दूसरे राज्य में प्रवास करने के लिए मजबूर करते है. अस्थिरता और विस्थापन लोगों को शोषण के प्रति असहाय और मजबूर बना देती है जिससे वे तस्करी और बन्धुवा मजदूरी का आसानी से शिकार बन जाते हैं. गरीबी और धन की अवधारणा करीब से जुड़े हुए हैं इसलिए प्रवासी जब अत्यन्त गरीबी में धन के लिए मजबूरीवश प्रवास करते हैं तो तस्करी के चंगुल में फंस जाते है.
व्यापार किसका होता है? शिकार कौन होता है?
अनाथ, बेघर, निष्कासित , दहेज पीड़ित, अनपढ़, गरीब, आदिवासी बालिका, महिला व बच्चे, प्राकृतिक आपदा पीड़ित, विस्थापित, हिंसाग्रस्त और दुर्घटनाग्रस्त लोगों के व्यापार की संभावना ज्यादा होती है.
मानव व्यापार किस लिए किया जाता है?
- बंधुवा मजदूरी, घरेलू काम, ईट भट्टा, बीड़ी उद्योग के लिए
- असंवैधनिक काम -जानवरों के अंगों के आभूषण बनवाने एवं अन्य प्रतिबंधित उद्योगों के लिए
- अवैध काम -भीख मांगने, देह व्यापार, अंग व्यापार, वैष्यावृति आदि के लिए
- खतरनाक व प्रतिबंधित काम -विस्फोटक, नषीले, जहरीले काम के लिए
- अपराधिक काम -चोरी, डकैती, हिंसा, पाॅकेट मार, उपद्रव, दंगा फसाद, हत्या आदि के लिए
- मनोरंजन – सर्कस, जादू, डांस आदि के लिए
मानव व्यापार के कारण क्या हैं?
दलालों की सक्रियता, अपनों द्वारा दलाली, अज्ञानता, आकर्षण, शहरी चकाचौंध, पढ़ाई में असफलता, अशिक्षा, उद्देश्य हीनता, शीघ्र व सहज पैसा कमाने की लालसा, प्लेसमेन्ट सेंटर के धार्मिक नाम से धोखा इत्यादि मानव व्यापार के कारण हैं. मानव तस्करी के निम्न कारण भी हैं
- परिवारिक विघटन -नशापान, घरेलू हिंसा, सौतेले माता-पिता, लिंग भेद, केवल कन्या संतान, नैतिक पतन.
- आर्थिक कारण-गरीबी, दहेज, सरकारी योजनाओं की जानकारी एवं पालन का अभाव इत्यादि.
- सामाजिक कारण- आपदा, भेदभाव, भ्रष्टाचार, हिंसा, दत्तक ग्रहण, बाल विवाह, इत्यादि.
- राजनैतिक कारण –राजनैतिक अस्थिरता, संवैधानिक अधिकारों की अज्ञानता.