रांची: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल में डर और भय के कारण मानवीय संवेदनाओं पर भी प्रतिकुल असर पड़ा है. ऐसा ही एक मामला रांची में देखने को मिला. राजधानी रांची के पिस्का मोड़ के रहने वाले एक मरीज को लेकर परिजन 24 घंटे तक अस्पताल दर अस्पताल भटकते रहे, लेकिन इलाज अभाव में मरीज की मौत हो गयी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिस्का मोड़ के निकट इटकी रोड में रहने वाले मृतक के परिजन राहुल शाहदेव ने बताया कि बुधवार को सांस लेने में परेशानी और किडनी की समस्या को लेकर तबीयत बिगड़ने के बाद सबसे पहले वे लोग देवकमल अस्पताल मरीज को ले गये, लेकिन वहां कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं रहने के कारण भर्त्ती नहीं लिया गया.
बाद में एंबुलेंस से ही परिजन मरीज को सदर अस्पताल ले गये, लेकिन वहां भी बेड की सुविधा नहीं रहने की बात की गयी और रिम्स ले जाने की सलाह दी गयी. लेकिन परिजन बेहतर चिकित्सीय सुविधा मिलने की आस में उसे मेडिका अस्पताल ले गये, लेकिन वहां भी मरीज को भर्ती नहीं लिया गया. जिसके बाद परिजन गुरुनानक अस्पताल गये, लेकिन वहां भी भर्ती नहीं लिया गया, लेकिन काफी मिन्नत पर ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया गया और पारस हॉस्पिटल जाने की सलाह दी गयी. मरीज को लेकर परिजन जैसे ही पारस अस्पताल पहुंचे और चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स ले जाने को कहा गया. मौत के बाद भी रात 9 बजे से शव लेकर एंबुलेंस सुबह नौ तक रिम्स में ही खड़ा रहा, बाद में उसे पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया.
मृतक के परिजनों ने बताया कि 5 अस्पतालों ने गंभीर मरीज को भर्ती लेने से इंकार कर दिया गया. मरीज की स्थिति इतनी गंभीर थी कि उसे तत्काल चिकित्सा की जरूरत थी. यहां तक कि रिम्स जैसे बड़े अस्पताल ने बेड खाली नहीं होने की बात कही. मृतक के परिजनों ने कहा कि अगर समय रहते मरीज को भर्ती लिया जाता तो आज वो जिंदा होते.