रांची: राजधानी रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान, रिम्स के आसपास संचालित नर्सिंग होम और सौ से अधिक दुकानों को हटाने का संकेत दिया है.
बन्ना गुप्ता ने विधानसभा परिसर में पत्राकरों से बातचीत में कहा कि सरकार झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के आस-पास के निजी नर्सिंग होम और दवा दुकानों को बंद किया जाएगा. दरअसल रांची के रिम्स के आस पास निजी क्लिनिकों की भरमार है. दवा दुकानों की तो गिनती ही नहीं. इन सब के पीछे रिम्स के डॉक्टर्स और निजी क्लिनिकों का रैकेट काम करता है. माना जाता है की रिम्स के डॉक्टर इन क्लिनिकों में अपना वक्त देते हैं, हांलाकि सरकारी डॉक्टर्स का निजी क्लिनिकों में प्रैक्टिस करने पर मनाही है.
इतना ही नहीं रिम्स के डॉक्टर अस्पताल के आस पास ही अपना क्लिनिक चलाते हैं. आरोप ये लगता है की रिम्स में आए मरीजों को ये डॉक्टर्स अपने क्लिनिक पर आने का जोर देते हैं. धंधा पिछले कई सालों से जारी है मगर डॉक्टर्स लॉबी की वजह से कोई भी सरकार कार्रवाई करने से कतराती रहती है. इधर रिम्स में मिलने वाली मुफ्त की दवाईयों में भी बड़ा खेल है. बताया जाता है की जानबूझ कर डॉक्टर्स ऐसी दवाइयां लिखते हैं जो सरकार के स्टोर में नहीं रहती है और मजबूरी में मरीजों को बाहर की दुकानों से दवा लेनी पड़ती है.
बन्ना गुप्ता ने बताया कि ’’ दो किलोमीटर की परिधी में निजी नर्सिंग, दवा दुकानों, जांच केंद्रों को बंद करने की योजना पर सरकार काम कर रही है, हांलाकि इसके बंद करने के बाद क्या प्रतिक्रिया होगी इस पर भी विचार किया जा रहा है.’’ दवा-डॉक्टर, निजी क्लिनिक का ये रैकेट दशकों पुराना है. चुनौती बन्ना गुप्ता के सामने हैं की क्या वो इसे तोड़ पाएंगें?