नीता शेखर,
अगर आप अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देना चाहते हैं तो उन्हें समझने की कशिश करें
आज के युवा मन की वयथा को कोई समझना ही नहीं चाहता हर मां-बाप चाहते हैं मेरा बच्चा अच्छे स्कूल में पढ़े .
अच्छे-अच्छे डिग्री हासिल करे और खूब पैसे कमाए. जैसा की अभी “पैकेज” जमाना है! इस पैकेज के चक्कर में कितने लड़के और लड़कियां दिन-रात तनाव में रहते है यह कोई समझता ही नहीं.
विनय भी पढ़ने लिखने में काफी होशियार था उसे शुरू से बड़ा होकर देश की सेवा करना चाहता था पर उसके पापा चाहते थे कि वह बड़ा होकर इंजीनियर बने, उसको इंजीनियरिंग करने का बिल्कुल मन नहीं था.
मां पापा के दबाव में आकर उसने इंजीनियरिंग कर ली अब उसे नौकरी करने का बिल्कुल मन नहीं था उसकी नौकरी कोटा में लगी थी उसने वहां ज्वाइन तो कर लिया पर दिल से काम नहीं कर पाता था एक दिन कोटा में कोई गुरु जी आए उसको उनका प्रवचन काफी अच्छा लगा.
उसे लगा यही जीवन का सत्य है किसी भी काम को जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए अगर मेरा मन नौकरी में नहीं लगता है तो क्यों करूं, वह इतना तनाव में रहता था कि उसने अपनी सोचने समझने की शक्ति खो दी थी.
एक दिन वह गुरु जी के साथ उनके मंडली में शामिल हो गए अब जहां भी गुरुजी जाते वह भी उनके साथ जाता उसने घर पर बताया भी नहीं था.
जब एक दिन ऑफिस से फोन आया तो मां पापा को पता चला अब तो दोनों का रो-रोकर बुरा हाल था उन्होंने उस को ढूंढने की कोशिश की तो पता चला वह मथुरा में है, फिर वे लोग मथुरा पहुंचे उन्होंने उस को काफी समझाया पर वापस आने के लिए तैयार नहीं था. उन्होंने उसके गुरु जी से भी बात की पर उसने जिद ठान ली नहीं माना तो नहीं माना अंत में बिना उसके मां-बाप वापस आ गये. मां का तो रो रो कर बुरा हाल था पर अब वह इतना आगे निकल चुका था कि वापस आना नामुमकिन था. अब उन्हें अपनी गलती का एहसास हो रहा था काश हमने उसकी बातें सुनी होती तो शायद आज ये दिन ना देखना पड़ता. पहले तो फोन पर कभी-कभी बात कर लिया करता था और धीरे-धीरे उसने वह भी बंद कर दिया.
अब तो पता ही नहीं चलता वह है कहां एक साल हो गया था उसकी मां बीमार हो गई थी उनका छोटा बेटा भी बेंगलुरु में नौकरी करने लगा था. सभी लोग कहते छोटे की शादी कर दो तो मां को थोड़ा आराम मिलेगा. फिर उन्होंने गुरु जी से संपर्क किया और मालूम किया उसके भाई की शादी में आने के लिए काफी जोर दिया और वह नहीं माना, तभी खबर आई गुरुजी गिरफ्तार हो गये हैं. किसी दुर्व्यवहार चरस गांजा अफीम के चक्कर में और उनके पास से काफी मात्रा में अफीम गांजा के साथ काफी धन दौलत का भी पता चला अब तो सबको चिंता हुई.
उन्होंने फिर से उसको खोजना शुरू किया, बहुत मुश्किल से उसका पता चला जब वहां उसे लेने पहुंचे तो उसने उन्हें देखा भी नहीं , उन्हें फिर वापस आना पड़ा. अब विनय से लगाकर उल्टा सीधा काम करवाया करते थे और जो भी उनके चुंगल में एक बार फंस जाता उसे चुंगल से निकलना बहुत मुश्किल है. ऐसा ही विनय के साथ हुआ जो वह कोटा आए तो उन्होंने उसके मन को भाप लिया था कि यह लड़का काफी तनाव में है. इसी कमजोरी का फायदा उठाकर उन्होंने उसको भी नशे का आदि बना दिया अब वह दिन रात नशे में चूर रहता है तो उसे तनाव महसूस नहीं होता.
मगर जब गुरुजी गिरफ्तार हो गए तो आमदनी भी रुक गई अब वह उन आदतों के लिए दुसरों मांगने लगा. लोग उसे साधु समझकर कुछ दे दिया करते थे यूं ही घूमते घूमते किसी तरह एक दिन अपने शहर आ गया रिक्शा यापन कर के किसी तरह अपना जीवन चलाने लगा था.
1 दिन बहुत जोरो का शोर हुआ पता चला किसी ट्रक में किसी साधु को मारते हुए अपनी ट्रक को लेकर फरार हो गया साधु के नाम पर उसके मां बाप को टेंशन होने लगा तो उन्होंने उस साधु की खोज करवाई तो पता चला वह विनय ही था. उन्होंने जल्दी से जाकर उठाया और विनय उनसे माफी मांगने लगा पापा मैं जा रहा हूं हमेशा हमेशा के लिए प्लीज मुझको माफ कर दो. मैंने आप लोगों का दिल दुखाया इतना कहते-कहते वह खामोश हो गया.
यहां पर गलती किसकी थी मां पापा की या विनय कि ?
अगर अगर देखो तो गलती दोनों की थी अगर मां-बाप से उसके उसको समझा होता और प्यार से बातें की होती होती तो आज यह दिन नहीं आता इधर विनय भी जब अपने मन का काम नहीं कर पा रहा था तो तनाव में आकर उसने यह कदम उठा लिया इसलिए बहुत जरूरी है कि आज के मां बाप अपने बच्चों को समझे और प्यार से समझाएं तभी आप ही खुशहाल परिवार और समाज का निर्माण कर सकते हैं.