ढाका: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल द्वारा प्रतिबंधित किए गए बांग्लादेश के पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने बोर्ड के दिशा निर्देशों पर सवाल उठाए हैं. मैच फिक्सिंग के लिए संपर्क किए जाने की जानकारी आईसीसी से छुपाने के लिए शाकिब को दो साल के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट से प्रतिबंधित किया गया है.
बांग्लादेशी ऑलराउंडर का मानना है कि क्रिकेट दोबारा शुरू करने को लेकर आइसीसी के दिशानिर्देशों में कई सवालों का जवाब नहीं दिया गया है. कोरोना वायरस के कारण निलंबन के बाद क्रिकेट दोबारा शुरू करने से पहले कुछ मुद्दों पर चर्चा करने की जरूरत है. कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने के लिए लगाई गई पाबंदियों में सदस्य देश ढील दे रहे हैं.
भ्रष्ट संपर्क की जानकारी देने में नाकाम रहने के कारण एक साल के प्रतिबंध का सामना कर रहे शाकिब के ने कहा कि अब सुन रहे हैं कि यह (कोरोना वायरस) शायद 12 फीट की दूरी से भी फैल सकता है, सिर्फ तीन या छह फीट नहीं. इसका मतलब हुए कि ओवर के अंत में बल्लेबाज एक दूसरे के पास नहीं आ पाएंगे.
उन्होंने कहा कोरोना संक्रमण के बाद दोबारा क्रिकेट शुरू कराए जाने की सूरत में कई सवालों के जवाव मांगे हैं. उनका कहना था क्या उन्हें अपने-अपने छोर पर खड़े रहना होगा? स्टेडियम में क्या कोई दर्शक नहीं होगा? विकेटकीपर क्या दूर खड़ा होगा? करीबी क्षेत्ररक्षकों का क्या होगा? इन चीजों पर चर्चा किए जाने की जरूरत है.
29 अक्टूबर 2019 को शाकिब पर आईसीसी ने दो साल का प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया था. जिसमें उनको एक साल की छूट दी गई और यह एक साल तक ही लागू होगा. प्रतिबंध की वजह से वह भारत में होने वाले इंडियन प्रीमयिर लीग और ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप से बाहर रहेंगे.