रांची: झारखंड में आये दिन भूमि सबंधी विवाद के कारण आपराधिक घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा इन विवादों को जन्म देने में अंचल अधिकारियों व उनके अधीनस्थ कर्मचारियों की भूमिका को नज़र अंदाज़ नही किया जा सकता है.
अंचल कार्यालय के पदाधिकारी और कर्मचारी भू माफियाओं और दबंगों की मदद से ग़ैर मजरुआ और आदिवासी जमीन के साथ-साथ कमज़ोर लोंगों की खाली पड़ी जमीन को विवादित बनाते है और कभी समाप्त न होने वाले कानूनी पचड़े को उत्पन्न कर आपराधिक घटनाओं की पृष्टभूमि तैयार करते हैं.
आपराधिक घटना की जब पृष्टभूमि तैयार होते रहती है और पुलिस को इस बावत कोई आवेदन दिया जाता है तो वह कार्रवाई में यह कह कर असमर्थता जताती है कि मामला दीवानी है और पुलिस के क्षेत्राधिकार से बाहर. इससे दवंगों का मनोबल बढ़ता है. कमज़ोर व्यक्ति भूमि की सुरक्षा हेतु दूसरे दवंगों की शरण मे जाता है. इसका दुष्परिणाम आपराधिक घटना के रूप में सामने आता है.
अतः निवेदन है कि यदि भूमि विवाद में कहीं आपराधिक घटना को अंजाम दिया जाता है तो अंचल अधिकारी को भा. द. वि. की धारा 120बी के तहत अभियुक्त बनाया जाय. इससे भूमि विवाद और उसके कारण आने वाली घटनाओं में काफी कमी आयेगी और अमन स्थापित हो पायेगा. इससे पुलिस को लाभ मिलेगा और गरीबों को न्याय मिल पायेगा.