दिल्ली: टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर रहे युवराज सिंह ने अपने बचपन के समय का एक किस्सा सुनाया है. युवी ने कहा कि वो क्रिकेटर नही, बल्कि टेनिस खिलाड़ी बनना चाहते थे.
उनके पिता ने उन्हें रैकेट भी लाकर दिया था, लेकिन वो टूट गया और इसके बाद उन्होंने डर के मारे दूसरा रैकेट नहीं मांगा. युवराज ने कहा कि रैकेट टूटने के बाद मैंने अपने पिता से डर के कारण नया रैकेट मांगने नहीं गया.
युवी ने बताया कि तब मैंने सोचा की कुछ दिन क्रिकेट खेल लेता हूं, फिर नया रैकेट मांग लूंगा. मगर जैसे ही मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया, मुझे मजा आने लगा और फिर मैं टेनिस को भूल गया.
युवराज ने बताया कि मुझे स्केटिंग और टेनिस काफी पसंद थे. मैं टेनिस में करियर बनाना चाहता था. मैंने अपनी मां से रैकेट मांगा था और उन्होंने मेरे पिता से इसके लिए कहा.
पिता थोड़े नाराज हुए लेकिन उन्होंने उस समय करीब 2500 रुपये का रैकेट लाकर दिया. एक मैचे में हारने के बाद मैंने रैकेट को तोड़ दिया और फिर कभी पिता से रैकेट मांगने की हिम्मत नहीं हुई.