दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर दिए प्रधानमंत्री मोदी के जवाब में विपक्ष पर हमले का जवाब दिया है. सिब्बल ने बातचीत में कहा कि अगर प्रधानमंत्री खुद मानते हैं कि किसानों का आंदोलन पवित्र है तो फिर किसानों की मांग मान क्यों नहीं लेते. सिब्बल ने कहा, छोड़ दीजिए आदोलनजीवी विपक्ष को, आंदोलन पवित्र है तो तीनों कानून वापस क्यों नहीं ले लेते.
एबीपी न्यूज से बात करते हुए कपिल सिब्बल ने ये आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री केवल अपने कुछ उद्योगमित्रों (मैक्सिमम) को फायदा पहुंचा रहे जबकि किसानों की ‘मिनिमम’ (MSP) की मांग भी नहीं मान रहे. सिब्बल ने बड़ा आरोप लगाया कि केवल कुछ उद्योगमित्रों को फायदा इसलिए पहुंचाया जा रहा ताकि वो इलेक्टारल बॉन्ड के जरिए बीजेपी की फंडिंग करें.
कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री अगर वाकई प्रोग्रेसिव राजनीति कर रहे होते तो किसानों के साथ ऐसा ना करते और विपक्ष पर किसानों के आंदोलन पर राजनीति का उनका आरोप पूरी तरह निराधार है.
दरअसल, पीएम मोदी ने बुधवार को तीन नए कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों पर ‘झूठ एवं अफवाह’ फैलाने का आरोप लगाया था. साथ ही प्रदर्शन कर रहे किसानों से बैठकर चर्चा करने और समाधान निकालने की अपील की.
उन्होंने यह भी कहा कि किसान आंदोलन पवित्र है लेकिन किसानों के पवित्र आंदोलन को बर्बाद करने का काम आंदोलनकारियों ने नहीं, आंदोलनजीवियों ने किया है. उन्होंने कहा था, ‘हमें आंदोलकारियों और आंदोलनजीवियों में फर्क करने की जरूरत है.’
मोदी ने अपने भाषण के बीच सदन में शोर-शराबा करने वाले विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये जो हो-हल्ला, ये आवाज हो रही है और रुकावटें डालने का प्रयास हो रहा है. यह एक सोची-समझी रणनीति के तहत हो रहा है.