रांची : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अनलॉक-1.0 में राज्य सरकार द्वारा सूझबूझ के साथ दी गयी कई रियायतों का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोना वायरस का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है, इसलिए लोगों को सोशल डिस्टेसिंग और जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन जरूरी है. रांची के पार्टी कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस राहत निगरानी (कोविड-19) समिति की बैठक में मौजूदा परिस्थिति और चलाये जा रहे राहत कार्यां की समीक्षा हुई. बैठक में समिति के सदस्य आलोक कुमार दूबे, राजेश गुप्ता, छोटू, लाल किशोरनाथ शाहदेव और अन्य पार्टी पदाधिकारी उपसिथत थे.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बिना सोचे-समझे पहले पूरे देश में लॉकडाउन लागू करने और फिर देशभर में संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने के बाद सारी जिम्मेवारी राज्य सरकारों पर छोड़ कर पल्ला झाड़ लेना दुःखद है. उन्होंने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार की ओर से लॉकडाउन में झारखंड जैसे राज्यों को पर्याप्त सहायता नहीं मिली, वहीं दूसरी ओर श्रमिक स्पेशल ट्रेन की जगह अन्य यात्री ट्रेनों और विमान सेवा शुरू कर नयी मुश्किलें खड़ी कर दी गयी है.
प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जर्जर होती अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर कोई ठोस पहल करने की जगह आज फिर दो नये नारे मेड इन इंडिया और मेड फॉर फोरेन का नारा देने का काम किया. लेकिन बिना सोचे-समझे लॉकडाउन लागू करने के बाद सैकड़ों-हजारों किमी पैदल यात्रा कर चुके प्रवासी कामगारों के लिए कुछ नहीं सोचा.
झाविमो छोड़ कर भाजपा में पुनः शामिल हुए बाबूलाल मरांडी द्वारा तकनीकी और व्यवसायिक प्रशिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की समस्याओं को लेकर आज मुख्यमंत्री को लिखे गये पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आलोक कुमार दूबे ने कहा कि बाबूलाल मरांडी इस तरह के पत्र प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों को क्यों नहीं लिखते,. क्या उन्हें भाजपा नेतृत्व द्वारा पार्टी में स्वीकार नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि राजधनवार विधानसभा क्षेत्र में 2019 के चुनाव लड़ रहे बाबूलाल मरांडी ने चुनाव-प्रचार के दौरान क्षेत्र की जनता से कहा था कि यह उनका अंतिम चुनाव है और वोट दें या कफन दें के नारे की सहानुभूति से वे चुनाव जीतने में सफल रहे, लेकिन क्षेत्र की जनता के साथ धोखेबाजी करने का काम किया. अब एक बार फिर पत्र लिखकर पूरे राज्य की जनता के साथ छल कर रहे है और उनकी यह कतई मंशा नहीं है कि झारखंड के विद्यार्थियों की मुश्किलें हल हों. ऐसे नेता से लोगों को सावधान रहने की जरुरत है.
प्रदेश कांग्रेस राहत निगरानी समिति ने असम के तीन जिलों काचर, हेलाकांडी और करीमगंज जिलों में अलग-अलग घटनाओं में 20 लोगों की मौत होने और डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों के घायल होने की घटना पर दुःख व्यक्त करते हुए मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की और घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था का आग्रह के साथ उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की।