नई दिल्ली: कोरोना काल में लोग ऑनलाइन खरीदारी करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. लेकिन देश में कई ऐसी फर्जी कंपनियां और ठग हैं, जो आपदा के इस मौके को अवसर बना रहे हैं. यही कारण है कि अब ऑनलाइन ठगी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले कुछ महीनों से साइबर अपराधी नामी ई-कॉमर्स कंपनियों की वेबसाइट और एप का क्लोन बनाकर लोगों को चूना लगा रहे हैं. ये फर्जी क्लोन वेबसाइट्स देखने में आपको नामी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स की तरह ही लगेंगे, लेकिन जब आप इन वेबसाइट्स या एप्स पर भुगतान करेंगे तो कुछ घंटों या दिनों के अंदर इनका लिंक गायब हो जाएगा. साइबर सेल की तरफ से इन घटनाओं को लेकर लगातार जांच की जा रही है, लेकिन इनकी बढ़ती संख्या अब पुलिस और प्रशासन की चिंता बढ़ा रही है.
ब्रांडेड ई-कॉमर्स वेबसाइट्स या एप्स का फर्जी क्लोन बना कर ये ठग अपने वेबसाइट्स या एप्स पर उन्हीं सामानों पर 60 से 80 फीसदी तक का डिस्काउंट ऑफर कर रहे हैं, जिसके झांसे में ग्राहक फंस जाते हैं. अपने पसंद के सामान को सस्ती कीमत में खरीदने के चक्कर में वो भुगतान कर देते हैं, लेकिन उन सामानों की डिलीवरी कभी नहीं आती. बल्कि, दो से तीन दिनों में वो लिंक भी डिलीट हो जाता है.
साइबर अपराधी ऐसी फर्जी वेबसाइट्स बना कर गूगल एडवर्ड्स के जरिए उन्हें ट्रेंड कराते हैं. ऐसे में जब भी आप गूगल पर कुछ भी सामान खरीदने के लिए टाइप करते हैं, तो ऐसी फर्जी वेबसाइट्स आपको सबसे ऊपर दिखाई देने लगती हैं.
अपराधी इन फर्जी वेबसाइट्स और लिंक पर कमाई करके तुरंत इसे डिलीट कर देते हैं. यानी जब तक लोगों को समझ में आता है तब तक ये वेबसाइट्स और एप्स डिलीट हो चुके होते हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लिंक डिलीट होने के कारण इन्हें ट्रैक कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है.
प्ले स्टोर पर फर्जी एप्स की भरमार है. दरअसल फर्जी एप्स को प्ले स्टोर पर लॉन्च करना बहुत आसान होता है. यूजर्स इन एप्स पर खरीदारी कर के फंस जाते हैं. थोड़े से समय में जब इन एप्स से कमाई हो जाती है, तो अपराधी इसे डिलीट कर देते हैं.
ऐसे कई ग्राहक हैं जिन्हें इन फर्जी वेबसाइट्स के बारे में तब पता चला, जब डिलीवरी नहीं आने पर इन्होंने कस्टमर केयर को फोन लगाया. कस्टमर केयर की तरफ से इन्हें बताया गया कि कंपनी की ऐसी कोई भी वेबसाइट नहीं है और न कंपनी ऐसा कोई ऑफर दे रही है.