छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा अपने विवादित बयान के बाद चर्चा में आ गए हैं. भूपेश बघेल कैबिनेट में वाणिज्यिक कर (उत्पाद शुल्क) और उद्योग मंत्री लखमा का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में लखमा एक छात्र को नेता बनने के लिए कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक का कॉलर पकड़ने की सीख देते दिख रहे हैं.
नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के कोंटा क्षेत्र के विधायक लखमा ने इस महीने की पांच तारीख को सुकमा जिले के एक स्कूल में शिक्षक दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद विद्यार्थियों के सामने कुछ दिनों पहले हुई एक घटना के बारे में बताया था.
सोशल मीडिया में वायरल इस वीडियो में लखमा एक स्कूल में कुछ छात्र और कांग्रेस नेता बैठे हुए दिख रहे हैं. बच्चों के साथ बातचीत के दौरान वह एक किस्सा सुनाते हैं कि कुछ दिनों पहले जब एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया थे, तब उन्होंने एक छात्र से पूछा कि तुम क्या बनना चाहते हो. छात्र ने कहा था कि वह नेता बनना चाहता है.
जब छात्र ने लखमा से पूछा कि बड़े नेता बनने के लिए क्या करना चाहिए, तब उन्होंने कहा कि कलेक्टर या एसपी का कॉलर पकड़ो तब नेता बनोगे. इसे सुनकर वहां मौजूद सभी लोग हंस पड़े. इस संबंध में जब मंत्री लखमा से संपर्क किया गया तब उन्होंने कहा कि उनके शब्दों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि वह अक्सर स्कूल और आश्रम शालाओं का दौरा करते रहते हैं और छात्रों से पूछते हैं कि उन्हें क्या बनना है. इस दौरान छात्रों ने उनसे पूछा कि उनके जैसे बड़े नेता बनने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए. तब उन्होंने कहा कि वह अच्छे से पढ़ाई करें तथा जनता के मुद्दों के लिए सड़क की लड़ाई लड़ें और खूब मेहनत करें.
उन्होंने कहा कि कलेक्टर और एसपी का कॉलर पकड़ने वाली बात सामने आ रही है वह पूरी तरह असत्य है. कहा गया था कि नेता बनने के लिए खूब मेहनत करनी पड़ती है. इस वीडियो के सामने आने के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सरकार को घेरा है.
पूर्व मंत्री और कुरूद क्षेत्र से भाजपा के विधायक अजय चंद्राकर ने लखमा के वीडियो को ट्वीट कर कहा, माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी आपको बधाई. आपके मंत्री ने कार्यपालिका के लिए अच्छे शब्द का उपयोग किया है. अच्छा यह होगा कि आप उन्हें कुरूद भेज दें, जिससे वे मेरे द्वारा जनता को समर्पित कार्यों का पुनः उद्घाटन कर सकें. इससे लोकतंत्र मजबूत होगा.