ब्यूरो चीफ
रांची
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) रांची के लिए केंद्र सरकार ने रेवेन्यू ग्रांट देना बंद कर दिया है. पिछले वर्ष से ही रेवेन्यू ग्रांट का आवंटन रोक दिया गया है. इसकी वजह से आइआइएम रांची के प्रशासनिक भवन, छात्रावास और अन्य सुविधाओं के लिए दिक्कतें होने लगी हैं. संस्थान के निदेशक प्रो शैलेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ कैपिटल ग्रांट दे रही है. अब संस्थान में होने वाले एडमिशन से ही सैलरी, विजिटिंग फैकल्टी, छात्रावास, प्रशासनिक भवन का किराया देना पड़ रहा है. सलाना तीन करोड़ रुपये से अधिक का खर्च संस्थान पर सुविधाओं के नाम पर हो रहे हैं. इसका बड़ा हिस्सा वेतन भुगतान और छात्रावास के किराये पर जा रहा है. केंद्र सरकार ने सभी आइआइएम के लिए यह आवश्यक कर दिया है कि वे खुद कमायें और अपने खर्च का वहन करें.
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होटवार के खेलगांव परिसर में है छात्रावास
आइआइएम रांची का छात्रावास होटवार के खेलगांव परिसर में है. यहां पर 600 छात्र हैं. इनके लिए झारखंड सरकार से आइआइएम प्रबंधन का समझौता हुआ था. समझौते के तहत दो बेडरूम वाले फ्लैट का किराया 8 हजार रुपये और तीन बेडरूम सेट का किराया 10 हजार रुपये झारखंड सरकार ले रही है. इसके अलावा बाजार दर से सूचना भवन में चल रहे आइआइएम रांची के प्रशासनिक भवन और शैक्षणिक कक्षाओं का किराया भी लिया जा रहा है.
सरकार की तरफ से छात्रावास और प्रशासनिक भवन में किसी तरह की अन्य सुविधाएं मुहैया नहीं करायी जा रही हैं. संस्थान प्रबंधन को ही परिसर के रख-रखाव, सिक्यूरिटी, जेनरेटर की सुविधा, पानी की आपूर्ति और अन्य यूटिलिटी का खर्च वहन करना पड़ रहा है. खेल गांव परिसर में चार ब्लाक आइआइएम रांची ने किराये पर ले रखा है. इसके अलावा कांके रोड स्थित चौहान आरकेड में भी कुछ कक्षाएं संचालित हो रही हैं, जिसका किराया सात लाख रुपये प्रति माह लिया जा रहा है.