चतरा: एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकार वनों की सुरक्षा को ले जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर लोगों के बीच जनजागरूकता अभियान चलाने में जुटी है ताकि वनों के साथ-साथ इसमें निवास करने वाले वन्य प्राणियों की न सिर्फ सुरक्षा सुनिश्चित किया जा सके बल्कि पर्यावरण संतुलन भी आसानी से हो. वहीं दूसरी ओर वैश्विक महामारी कोरोना से देश व राज्य की सुरक्षा को ले सरकार द्वारा प्रभावी किये गए लॉकडाउन का वन माफिया भरपूर सदुपयोग कर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान जहां लोग घरों में रहकर अपना व अपने अमन की रक्षा और सुरक्षा की दुहाई मांग रहे हैं, वहीं इसका फायदा उठाकर पत्थर माफिया काली कमाई करने में जुटे हैं. चंद रुपयों के लालच में विभागीय कर्मियों और अधिकारियों के मिली भगत से माफियाओं की नकारात्मक कार्यशैली सरकार की वन व पर्यावरण सुरक्षा के सपनों और योजनाओं पर न सिर्फ पानी फेर रही है बल्कि पर्यावरण संतुलन को भी अनिश्चितता की ओर धकेलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे. स्थिति यह है कि वन कर्मियों और अधिकारियों के आंखों के सामने माफिया वन संपदाओं की खुलेआम तस्करी करने में जुटे हैं बावजूद वन विभाग के अधिकारी और कर्मी तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई के बजाय मूकदर्शक बने बैठे हैं. मामला जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सदर प्रखंड के कमात गांव से जुड़ा है. यहां सक्रिय पत्थर माफिया धड़ल्ले से न सिर्फ वन विभाग के पहाड़ का अवैध उत्खनन करने में जुटे हैं बल्कि खुलेआम पहाड़ पर अवस्थित महंगे पत्थरों को अवैध तरीके से तुड़वाकर उसका औने-पौने दाम में तस्करी भी कर रहे हैं. सूत्रों की माने तो तस्करों के इस गंदे खेल में दक्षिणी वन प्रमंडल के अंतर्गत पड़ने वाले इस वन क्षेत्र के वनपाल व वनरक्षी समेत विभाग के अन्य कर्मी भी शामिल हैं जो वन समिति के अध्यक्ष के माध्यम से तस्करों से अवैध उत्खनन और तस्करी के बदले कार्रवाई नहीं करने के शर्त पर मोटी रकम भी वसूल रहे हैं. ऐसे में न सिर्फ विभागीय उदासीनता के कारण वन संपदाओं का दोहन हो रहा है बल्कि पर्यावरण संतुलन पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है. ग्रामीणों की माने तो तस्करों द्वारा अवैध उत्खनन कर प्रतिदिन ट्रैक्टरों के माध्यम से जंगली पहाड़ का पत्थर इलाके में संचालित क्रशरों में सप्लाई किया जा रहा है. तस्करों के द्वारा कमात गांव में स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय के पीछे वन सीमा में अवस्थित पहाड़ से तस्कर पत्थरों का अवैध उत्खनन करवा रहे हैं.
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तस्करों पर कसेगा नकेल, होगी कठोर कार्रवाई : DFO
इस मामले से जब दक्षिणी वन प्रमंडल के वन प्रमंडल पदाधिकारी काली किंकर को अवगत कराया गया तो उन्होंने गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है. डीएफओ ने कहा है कि वनों और वन सम्पदाओं की सुरक्षा को ले विभाग पूरी तरह से गंभीर है. किसी भी परिस्थिति में वन सीमा से पत्थरों के तस्करी की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी. मामले की सूचना नहीं थी, अभी मिली है टीम को भेजकर कार्रवाई करवाई जाएगी. दोषियों को किसी भी सूरत में बक्सा नहीं जाएगा, कठोर कार्रवाई होगी.
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