नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खतरे के चलते जहां लोग घरों में है और सड़कों पर सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों के निकलने की अनुमति है, बावजूद देश की राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान भी वाहन चोरी और घरों में चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है. यह बात अलग है कि लॉकडाउन की अवधि में इनकी संख्या कम है, लेकिन वाहन चोरी होने के साथ घरों में चोरी होने की घटनाओं के करीब ढाई हजार मामले एक अप्रैल से लेकर 15 अप्रैल के बीच सामने आ चुके हैं.
वाहन चोरी की घटनाएं घरों में होने वाली चोरी से अधिक हैं, जबकि अन्य प्रकार की चोरी की वारदात भी 15 दिनों में करीब दो हजार के करीब हुई हैं. लॉकडाउन में जहां लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं है और लोग दिन और रात घरों में हैं, ऐसे में घरों में चोरी की घटनाएं चिंताजनक हैं. इससे भी अधिक चिंता की बात यह है कि वाहनों की चोरी भी लगातार हो रही है. एक अप्रैल से 15 अप्रैल तक राजधानी में प्रतिदिन 24 वाहन चोरी हुए हैं.
सवाल उठता है कि ये वाहन चोर हैं कौन, किस समय चोरी कर रहे हैं और चोरी किए वाहनों को कहां छिपा रहे हैं. सड़कों पर जब वाहनों के निकलने की मनाही है और सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को ही कहीं आने-जाने की अनुमति दी गई है तो ऐसे समय में चोरी किए गए वाहन कहां ले जाए गए हैं, यह सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है.