रांची: पर्व त्योहार का मौसम शुरू होते ही राजधानी रांची में छिनतई और चोरी की घटनाएं बढ़ गयी है.पिछले एक सप्ताह में शहर के विभिन्न हिस्सों में दुकानों तथा घरों चोरी के अलावा अनेक स्थानों पर छिनतई की घटनाओं को भी अंजाम देने की खबरें मिल रही है. बताया जाता है कि इन घटनाओं के बीच बिहार के कोढ़ा गिरोह के साथ ही स्थानीय आपराधिक गिरोह के सदस्यों की भूमिका भी सामने आ रही है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बिहार के कटिहार का खतरनाक कोढ़ा गिरोह राजधानी में एक बार फिर से सक्रिय हो गया है. इस गिरोह के सदस्य बैंक या एटीएम के बाहर बुजुर्गों, महिलाओं को निशाना बनाते हैं.
गिरोह के सदस्य बाइक का इस्तेमाल करते हैं, बगैर हथियार का इस्तेमाल किए ये बैंक से निकलने वालों को निशाना बनाते हैं. गिरोह के सदस्य रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद, गिरिडीह समेत कई जगहों पर सक्रिय रहे हैं. कटिहार के कोढ़ा गांव के लोग देशभर में घूम-घूमकर आपराधिक वारदात को अंजाम देते हैं.
चोरी, डकैती और छिनतई की घटनाओं में संलिप्तता के आरोप में हाल के दिनों में पकड़े गए कोढ़ा गिरोह के अपराधियों ने पूछताछ में यह भी बताया कि बैंकों की रेकी करने के बाद ग्राहकों को निशाना बनाते वक्त खुजली पाउडर का इस्तेमाल करते हैं, बैंक ग्राहकों के शरीर पर पाउडर छिड़कते ही वो असहज हो जाते हैं, ऐसे में छिनतई आसान हो जाती है.
जानकारी के अनुसार, झारखंड में कोढ़ा गिरोह के 50 से अधिक सदस्य फिलहाल सक्रिय हैं, जिनमें सबसे अधिक रांची और धनबाद में अलग-अलग जगह पर अपना ठिकाना बना कर रह रहे हैं और मौका मिलते ही आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. यह गिरोह बेहद शातिर होता है.
आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के बाद यह दो-तीन महीनों के लिए नेपाल भाग जाते हैं और फिर मामला शांत होने के बाद दोबारा दूसरे शहर जा कर छिनतई और लूट की वारदातों को अंजाम देते हैं.