रांची: कांग्रेस द्वारा झाविमो के दो विधायकों (प्रदीप यादव,बंधू तिर्की) को तोड़े जाने के खिलाफ झाविमो ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. झाविमो, रांची महानगर के अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा ने कहा है कि क्षेत्रीय एवं छोटी पार्टियों को तोड़कर अपना कुनबा बढ़ाना कांग्रेस का पुराना चरित्र रहा है. झाविमो के दो विधायकों को पद का प्रलोभन देकर तोड़ना भारतीय संविधान के दशवीं अनुसूची का घोर उलंघन है. उन्होंने कहा कि सत्ता लोलुप्ता के लिए काँग्रेस पार्टी कुछ भी कर सकती है. दरअसल कांग्रेस अपने दल में विधायकों की संख्या पढ़ाकर झामुमो पर मनमाफिक कार्य करवाने के लिए दवाव बनाना चाहती है. राज्य में एक बार फिर मधुकोड़ा शासन की याद ताजा होने वाली है. आने वाले दिनों में कांग्रेस द्वारा तोड़-फोड़ की राजनीति से झामुमो भी अछूता नहीं रहेगी.
उन्होंने कहा कि जो पार्टी अपने सहयोगी दल को ही तोड़ने में लगी हो उस पार्टी के साथ-साथ चलना मूर्खता है. झाविमो ने हेमंत सरकार से समर्थन वापस लेकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. कांग्रेस अभी से ही हेमंत सरकार के साथ कुचक्र करना प्रारंभ कर दिया है. इस सरकार की राजनीतिक भविष्य लंबी नहीं दिख रही है. मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस का दबाव एवं मुख्यमंत्री का दिल्ली दौड़ इसका बेहतर उद्धारण है.
कांग्रेस झारखंड को गिद्ध दृष्टि से देख रही है. कांग्रेस की मंसा हेमंत सोरेन को मोहरा बनाकर झारखंड के खनिज संपदा को लूटने का है. कांग्रेस-जेएमएम गठजोड़ की सरकार से उम्मीद करना बैमानी है.