नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर दोनों पक्षों के बीच वार्ता का दौर जारी है. इसी कड़ी में, शुक्रवार को सीमा मामलों पर वर्किंग मेकैनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कॉर्डिनेशन (डब्लूएमसीसी) की वर्चुअल बैठक का आयोजन किया जाएगा. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है.
गौरतलब है कि, पिछले कई दिनों से भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. चीनी सेना पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी में कुछ किलोमीटर पीछे हट गई है.
इसी बीच भारत के रक्षा सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक अधिकारी का कहना है कि भारत चीन पर कड़ी नजर रखेगा कि वह 30 जून को सैन्य कमांडरों के बीच हुई वार्ता के फैसले पर कायम रहता है या नहीं. वार्ता में दोनों सेनाओं के चरणबद्ध तरीके से पीछे हटने पर सहमति बनी थी.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री और स्टेट काउंसलर वांग यी के बीच पांच जुलाई को हुई चर्चा के बाद यह प्रक्रिया शुरू हुई. सरकार के उच्च सूत्रों ने कहा कि यदि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गलवां नदी के पास चीन ने जो कच्ची सड़क बनाई है वो बंद मिली या फिर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) सर्दियों के लिए आवास बनाती हुई नजर आई तो इसे माना जाएगा कि वह पीछे हटने की बजाय वहीं पर बने रहना चाहते हैं.
वर्तमान में दोनों सेना 30 जून को बनी सहमति पर अमल कर रहे हैं. बातचीत में शामिल सूत्रों के अनुसार चीन की सेना ने पीपी14, पीपी15 और पीपी17ए के क्षेत्रों से हटना शुरू कर दिया है. यहां से उसने अपनी पांच संरचनाओं को हटा दिया है. पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर चीनी सेना फिंगर फोर पर तीन प्वाइंट से पीछे हट गई है.