नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में टेस्टिंग की एक बड़ी भूमिका है, ऐसे में भारत के तमाम वैज्ञानिक और संस्थान इस वायरस की टेस्टिंग किट बनाने की लगातार कोशिश में जुटे थे. इस कड़ी में भारतीय वैज्ञानिकों को आज बड़ी सफलता हाथ लगी है.
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वॉयरोलोजी, पुणे ने सफलतापूर्वक देश की पहली SARS-CoV-2, IgG ELISA टेस्टिंग किट को तैयार कर लिया है. इस बात की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने दी. उन्होंने बताया कि कोविड-19 की एंटीबॉडी को टेस्ट करने में यह किट अहम भूमिका निभाएगी. इस किट के जरिए लोगों का बड़ी संख्य़ा में टेस्ट किया जा सकता है.
इसे पहले हैदराबाद की एक कंपनी ने दावा किया था कि उन्होंने एक ऐसी रैपिड टेस्ट किट कोविड-19 के लिए तैयार की है जिसका इस्तेमाल आम आदमी भी अपना कोरोना वायरस का टेस्ट करने में कर सकता है.
अहम बात यह है कि इस किट की कीमत महज 50 से 100 रुपए के बीच होगी जोकि चीन से आने वाली किट से बहुत सस्ती है. चीन से जो टेस्टिंग किट आ रही है, उसकी कीमत 400-600 रुपए हैं. इस किट के जरिए आप अपने आप अपना कोरोना वायरस का टेस्ट कर सकते हैं और इसके परिणाम 96 फीसदी सही होंगे.
जेनोमिक्स बायोटेक इंक कंपनी के फाउंडर प्रोफेसर पी रत्नागिरी का कहना है कि अहम बात यह है कि आपकी डिवाइस कितनी संवेदनशील है और सटीक है. किसी भी तरह का बुखार कोरोना नहीं होता है. की तरह के फ्लू होते हैं, जिसमे से 80 फीसदी के कंपोनेंट एक जैसे होते हैं. ऐसे में हम 20 फीसदी फ्लू पर काम कर रहे हैं, जोकि कोरोना वायरस से संबंधित हो सकते हैं.
यह किट एक छोटे से पाउच में आएगी, जिसमे प्लास्टिक की टेस्टिंग किट डिवाइस होगी, जोकि प्रेग्नेंसी टेस्ट किट की तरह होगी. इसमे एक ग्लव भी होगा, साथ ही में एक निडिल, ड्रॉपर भी होगी.
साथ ही इसके इस्तेमाल के लिए इसमे एक मैन्युअल भी आएगा जोकि 10 अलग-अलग भाषाओं में होगा. जिसमें कैसे आप इस किट के जरिए अपना टेस्ट कर सकते हैं वह चरणबद्ध तरीके से बताया जाएगा. प्रोफेसर रत्नागिरी ने बताया कि हम इस किट को आईसीएमआर को इस हफ्ते देंगे. यह स्वदेशी किट होगी. कंपनी का दावा है कि प्रतिदिन 50 हजार किट बना सकती है. सररकार द्वारा इसकी अनुमति लगने में तीन हफ्ते का समय लग सकता है.