नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडेरिकसन के साथ वर्चुअल समिट में हिस्सा लेंगे. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, द्विपक्षीय समिट से दोनों देशों के बीच परस्पर संबंध को मजबूत करने में मदद मिलेगी.
भारत और डेनमार्क के बीच 400 साल पुराना ऐतिहासिक और करीब 70 साल पुराना राजनयिक संबंध है. करीब 5 हजार भारतीय पेशेवर डेनमार्क की दिग्गज कंपनियों में काम कर रहे हैं. साथ ही वहां दशकों से 20 भारतीय आइटी कंपनियां मौजूद हैं.
उल्लेखनीय है कि भारत और डेनमार्क के बीच शनिवार को बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) हुआ है. इसे लागू करने के लिए दोनों देशों को एक द्विवार्षिक कार्य योजना तैयार करना होगा. इसमें ही गतिविधियों को पूरा करने की विस्तृत योजना शामिल होगी.
एमओयू का उद्देश्य अधिकारियों, व्यवसायों और अनुसंधान तथा शैक्षणिक संस्थानों के बीच आईपी जागरूकता पर सर्वोत्तम प्रथाओं, अनुभवों व ज्ञान के आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों देशों के बीच आईपी सहयोग को बढ़ाना और प्रशिक्षण कार्यक्रमों, विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, तकनीकी आदान-प्रदान एवं आउटरीच गतिविधियों में सहयोग करना है.