जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटने के बाद इस मसले पर भारत को रूस का समर्थन मिला है। जहां रूसी राजनयिक निकोले कुदाशेव ने बुधवार को कहा कि अनुच्छेद 370 पर भारत सरकार का सर्वेसर्वा निर्णय है। यह भारत का आंतरिक मामला है। कश्मीर मसले को भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला और लाहौर समझौते के तहत हल किया जा सकता है। हमारे विचार बिल्कुल भारत जैसे ही हैं।
इसके साथ ही भारत में रूसी दूतावास के उप प्रमुख रोमन बाबूसकिन ने भी कहा कि रूस की भारत-पाकिस्तान विवाद में कोई भूमिका नहीं है, जब तक कि दोनों देश मध्यस्थता के लिए नहीं कहते। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में बंद दरवाजे की बैठक के दौरान हमने दोहराया कि कश्मीर भारत का एक आंतरिक मामला है। रोमन बाबूसकिन ने कहा कि ‘नॉट फर्स्ट यूज (NFU)’ एटमी पॉलिसी भारत का एक घरेलू मामला है। हमें इस बारे में देखना और इंतजार करना होगा। साथ ही यह भी कहा कि यह चिंता का विषय है। भारत और पाकिस्तान गैर-आधिकारिक एटमी पावर हैं। जबकि भारत इस मामले में एक जिम्मेदार देश है जो नो-फर्स्ट यूज पॉलिसी से जुड़ा है।