जय क्लिनिक व डायबिटीज केयर सेंटर के निदेशक डॉ. एके तिवारी ने कैसरबाग स्थित प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता की. एके तिवारी ने कहा कि मुझे रिसर्च सोसाईटी फार स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया का इस वर्ष का सम्मानित पुरस्कार संस्था की वार्षिक जयपुर सम्मेलन में मिला. तिवारी ने कहा कि वह यूपी के इस पुरस्कार के लिए सम्मेलन में अकेले प्रतिनिधि थे. आगे उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार उनके मधु मेह उपचार के क्षेत्र में उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए दिया गया है.
उन्होंने बताया कि उन्हें डायबिटीज इंडिया अवार्ड 2019 में प्रदान किया गया था. भारत में फैलती मधुमेह की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए तिवारी ने बताया कि देश में लगभग 61.3 मिलियन लोग इससे ग्रसित हैं. अब यह समस्या भारत में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. जिसकी फैलने की दर 6. 7% है. वहीं 77. 2 मिलियन ऐसे लोग हैं, जो मधुमेह के मुहाने पर बैठे हुए हैं. जिससे कि मधुमेह रोगी बनने का खतरा कम से कम 40% तक है। डॉ. तिवारी ने कहा कि पश्चमी देशों के मुकाबले भारत में 10 साल पहले ही लोग मधुमेह से ग्रसित हो जाते हैं. इस बात की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि मधुमेह के कारण देश पर भारी वित्तीय भार पड़ा है. साल 2011 के आंकड़े के अनुसार देश पर भार रुपए 38 बिलियन था, जो अब बढ़ गया है.
उन्होंने कहा कि इस वर्ष विश्व मधुमेह दिवस का विषय परिवार और मधुमेह है. उन्होंने कहा कि बचपन के दौरान अच्छे संस्कारों से भविष्य में स्वस्थ नागरिक का निर्माण होता है. शोध से यह बात साबित हुई है कि परिवार और मित्रों की सहायता मधुमेह उपचार के लिए काफी लाभकारी है. इससे मरीज का मनोबल ऊंचा होता है. व्यायाम और उपयुक्त भोजन से स्वस्थ रहा जा सकता है. मोटापा जो इस स्वास्थ्य की जड़ है, जिसे दूर किया जा सकता है। 150 मिनट का व्यायाम शरीर आवश्यक है. तिवारी ने कहा कि पहले हम कहते थे, जो परिवार एक साथ भोजन करता है वह एक साथ रहता है, लेकिन अब यह कहना उपयुक्त होगा जो परिवार एक व्यायाम करता है फिर वह एक साथ रहता है.