नई दिल्ली: भारत और नेपाल के बीच अभी भी सीमा विवाद को लेकर मतभेद की स्थिति बनी हुई है. भारत-नेपाल के पूर्वी चंपारण में ढाका के बलुआ स्थित बंजरहा से सटे लालबकेया नदी के गुआबारी तटबंध ने को लेकर दोनों देशों के बीच फिर से विवाद की स्थिति पैदा हो गई है. यह मामला तब सामने आया जब भारत द्वारा इस तटबंध पर हो रहे मरम्मत कार्य पर नेपाल ने नो मेंस लैंड बताते हुए आपत्ति जताई है.
इससे पहले भी निर्माण कार्य रोक चुका है नेपाल
अब इस मामले को लेकर दोनों देशों के बीच फिर से बातचीत का सिलसिला शूरू हो गया है. इससे पहले 25 मई को नेपाल प्रशासन ने गुआबारी में तटबंध के इस हिस्से पर चल रहे निर्माण कार्य को रोक दिया था. इस मामले को लेकर नेपाल के रौतहट जिलाधिकारी वासुदेव घिमिरे ने बीते सोमवार को दोनों देशों की भूमापक टीम द्वारा की गई पैमाइश में पाया कि तटबंध किसी-किसी जगह पर नो मेंस लैंड को अतिक्रमिक कर बनाया गया है.
मामला अब शीर्षस्थ अफसरों के संज्ञान में
जिलाधिकारी वासुदेव घिमिरे ने कहा, इस विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सहमति बन गई थी, जिसके बाद भी तटबंध नहीं हटाया गया. वहीं पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी ने सरकार की ओर से इस मामले पर अभी किसी भी प्रकार की रिपोर्ट न मिलने की बात कही है. बीते रविवार को नेपाल द्वारा रोके गए निर्माण कार्य का ये मामला अब शीर्षस्थ अफसरों के संज्ञान में ला दिया गया है.
जल्द हो सकती है सीमा विवाद पर बड़ी बैठक
तटबंध को लेकर जल्द ही दोनों देशों के अफसरों के बीच बड़ी बैठक हो सकती है. दरअसल, इंडो-नेपाल कॉरिडोर प्रोजेक्ट साल जिलों के लिए शुरू किया गया था, जो अभी तक किसी न किसी कारण के चलते पूरा नहीं हो पा रहा है. इसके तहत लगभग 600 किमी क्षेत्र में स्पेशल कॉरिडोर प्रस्तावित है.