नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) द्वारा आयोजित समारोह का उद्घाटन किया.
इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘भारत को धम्म की उत्पत्ति की भूमि होने पर गर्व है. यह भारत से उत्पन्न होकर पड़ोसी क्षेत्रों में फैला. वहां की नई उपजाऊ मिट्टी और नई जलवायु में यह काफी हद तक बढ़ा.’ इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई दी और भगवान बुद्ध के उपदेशों की महत्ता पर बात की.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कहा, ‘आज से 2500 साल पहले बुद्धि शब्द पहली बार बोला गया था. बुद्ध ने आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए वर्णन से अलग एक राज्य में पांच हफ्ते बिताए.
इसके बाद उन्होंने जो ज्ञान खोजा उसे लोगों के साथ साझा करने लगे. भारत के पूर्वी हिस्से में प्राचीन शहर वाराणसी के पास सारनाथ में हिरणों के पार्क में बुद्ध ने अपने पांच मूल शिष्यों को धम्म सिखाया था. यह मानव जाति के इतिहास में एक अनूठा अवसर था.’
उन्होंने कहा, ‘इस दिन को गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू और जैन भी इसे अपने आध्यात्मिक गुरु के प्रति श्रद्धा के प्रतीक के रूप में मनाते हैं. मैं राष्ट्रपति भवन में ब्रह्मांड के कल्याण के लिए हमारी सभ्यता की यात्रा के भाग के रूप में आषाढ़ पूर्णिमा समारोह की मेजबानी करने पर खुश हूं.
राष्ट्रपति ने आगे कहा, ‘आधुनिक समय में दो असाधारण महान भारतीयों- महात्मा गांधी और बाबासाहब आंबेडकर ने बुद्ध के शब्दों में प्रेरणा पाई और राष्ट्र के भाग्य को आकार दिया.