दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने मंगलवार को कहा कि भारत 2030 तक यूरोपीय संघ को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता बन जाएगा और साथ ही अगले दो दशक तक ऊर्जा की मांग में होने वाली बढ़ोतरी में सबसे बड़ी हिस्सेदारी भारत की होगी.
आईएए ने भारत ऊर्जा परिदृश्य 2021 में कहा कि 2040 तक प्राथमिक ऊर्जा खपत बढ़कर लगभग 112.3 करोड़ टन तेल के बराबर हो जाएगी, जो मौजूदा स्तर के मुकाबले दोगुना है. इस समय तक जीडीपी के 8,600 अरब डॉलर होने का अनुमान है.
इस समय चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ के बाद भारत चौथा सबसे बड़ा वैश्विक ऊर्जा उपभोक्ता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2040 तक भारत की जीडीपी में होने वाली वृद्धि जापान की अर्थव्यवस्था के बराबर होगी और भारत इस लिहाज से 2030 तक यूरोपीय संघ को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर आ जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक 2019 से 2040 तक वैश्विक ऊर्जा मांग में बढ़ोतरी का लगभग एक चौथाई हिस्सा भारत से आएगा, जो किसी भी दूसरे देश के मुकाबले अधिक है.
मालूम हो कि देश में बिजली खपत इस साल जनवरी में छह फीसदी बढ़कर तीन महीने के उच्चतम स्तर 111.43 अरब यूनिट पर पहुंच गई. यह आर्थिक गतिविधियों में तेजी का संकेत देता है. आधिकारिक आंकड़े के अनुसार पिछले साल जनवरी में बिजली खपत 105.15 अरब यूनिट थी.
इसके अलावा जनवरी 2021 में बिजली की अधिकतम मांग करीब 11 फीसदी बढ़कर 1,89,640 मेगावाट पहुंच गई जे पिछले साल जनवरी में 1,70,970 मेगावाट थी. इस वर्ष तीस जनवरी को बिजली की अधिकतम मांग बढ़कर 1,89,640 मेगावाट पहुंची थी.
छह महीने के बाद बिजली खपत में पिछले साल सितंबर और अक्तूबर में क्रमश: 4.5 फीसदी और 11.6 फीसदी की वृद्धि हुई थी. नवंबर 2020 में बिजली खपत की वृद्धि धीमी पड़कर 3.12 फीसदी रही. इसका मुख्य कारण जाड़े का जल्दी आना था.
दिसंबर में बिजली खपत में करीब पांच फीसदी की वृद्धि हुई. विशेषज्ञों के अनुसार जनवरी में बिजली खपत में करीब छह फीसदी की वृद्धि और अधिकतम मांग बढ़कर 1,89,640 पहुंचना इस बात का सबूत है कि ज्यादातर आर्थिक गतिविधियां अब महामारी के पूर्व स्तर पर आ गई हैं.