नई दिल्ली: बंदरगाहों पर अटके चीनी कंसाइनमेंट को लेकर परिवहन और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को चिट्ठी लिखी है.
चिट्ठी के जरिए गडकरी ने कहा है कि कंसाइनमेंट रुकने से भारतीय व्यापार को नुकसान हो रहा है. गडकरी ने पोर्ट पर अटके कन्साइनमेंट को जल्द क्लियर करने का आग्रह किया है. उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि ये शिपमेंट उद्योगपतियों द्वारा किए गए भुगतान के आधार पर भारतीय तटों तक पहुंच गए हैं.
उन्होंने एक वेब-प्लेटफॉर्म को बताया कि इन आयातित सामानों की निकासी में हो रही देरी से भारतीय व्यापारी आहत होंगे, न कि चीन. गडकरी ने कहा, हमारा ध्यान आयात को कम करने पर है और ऐसा करने के लिए हम आयात शुल्क बढ़ा सकते हैं. लेकिन पहले से ही आयातित वस्तुओं को रोककर रखने से हमारे व्यापारियों को बहुत बड़ा नुकसान होगा.
किसान संगठन का प्रतिनिधिमंडल ने गडकरी से मिलकर बताया कि बताया कि कैसे कस्टम क्लियरेंस में देरी हुई. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा.
संगठन ने गडकरी को बताया कि कैसे कीटनाशक नियंत्रण के लिए उपयोग किए जाने वाले मैकेनिकल स्प्रे और उनके स्पेयर पार्ट्स की खेप के लिए कस्टम क्लियरेंस में देरी हो रही है.
कोविड-19 महामारी के कारण छिड़काव करने वाले उपकरणों को शहरी क्षेत्रों में भेज दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप खेतों में इन उपकरणों की कमी हो गई.
नतीजतन, कंपनियों ने इक्विपमेंट इम्पोर्ट करने का फैसला किया जो बंदरगाहों पर रुके हुए हैं क्योंकि कस्टम अधिकारियों ने चीन से भेजी गई खेपों की 100 प्रतिशत जांच करने का फैसला किया है.