नई दिल्ली, 23 जून: उप राष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी 66वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
नायडू ने श्रृंखलाबद्ध ट्वीट में कहा, “मैं राष्ट्र के लोगों के साथ महान राष्ट्रवादी श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। वह एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। राष्ट्र उनके योगदान और सेवाओं के लिए हमेशा आभारी रहेगा।”
उन्होंने कहा कि मुखर्जी ने ‘राष्ट्र के विकास के लिए अथक कार्य’ किया और ‘जाने-माने शिक्षाविद्, सुधारक और प्रशासक’ के रूप में ‘अमिट छाप’ बनाई।
उप राष्ट्रपति ने कहा, “उन्होंने केंद्रीय उद्योग मंत्री के रूप में श्रेष्ठ कार्य किया और वह एक उत्कृष्ट सांसद थे। वह मातृभूमि की सेवा के लिए लाखों पुरुषों और महिलाओं को प्रेरित कर रहे हैं।”
मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ” डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनके शहीद दिवस पर याद कर रहा हूं। देशभक्त और प्रखर राष्ट्रवादी डॉ. मुखर्जी ने भारत की एकता और अखंडता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका मजबूत और एकजुट भारत के लिए जुनून प्रेरित करता है और हमें 130 करोड़ भारतीयों की सेवा करने की ताकत देता है।”
केंद्रीय गृहमंत्री व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी भारतीय जनसंघ के संस्थापक को याद किया। उन्होंने कहा, “डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के लिए सिर्फ राष्ट्र सर्वोच्च था। इस वजह से उन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए हर चीज की कुर्बानी दी। मुखर्जी ही वह व्यक्ति थे, जिन्होंने पहला राष्ट्रवादी आंदोलन चलाया। वह एक देश, दो विधान, दो प्रतीक व दो संविधान के खिलाफ थे।”
भाजपा प्रमुख ने लिखा, “भारत के पुनर्निर्माण के उद्देश्य से डॉ. मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की। आज अगर हम बिना अनुमति के जम्मू एवं कश्मीर में जाते है और पश्चिम बंगाल भारत का अभिन्न अंग है तो यह मुखर्जी के बलिदान के कारण है। ऐसे देशभक्त के शहीदी दिवस पर मैं उनके चरणों में नमन करता हूं।”
भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को अपने संबोधन में कहा, “पूरे देश ने मुखर्जी की मौत की जांच की मांग की, लेकिन पंडित (जवाहरलाल) नेहरू ने इसका आदेश नहीं दिया। इतिहास इसका गवाह है। मुखर्जी का बलिदान कभी भी व्यर्थ नहीं जाएगा और भाजपा इस कार्य के लिए प्रतिबद्ध है।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी पुण्यतिथि पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। हमारे देश के लिए उनके अपार योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।”
मुखर्जी की 23 जून 1953 को जम्मू एवं कश्मीर में बंदी के तौर पर मौत हो गई। उन्हें 11 मई को लखेनपुर से तब गिरफ्तार किया गया था जब वह जम्मू एवं कश्मीर में भारतीय नागरिकों को बिना परमिट राज्य में प्रवेश नहीं करने देने की नीति के खिलाफ कानून का उल्लंघन करते हुए राज्य में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे।