नई दिल्ली: कोरोना महमारी को रोकने के लिए देश में भले ही लॉकडाउन लगा दिया गया है लेकिन कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे है. जिसे लेकर विपक्षी दलों ने लॉकडाउन की सफलता पर सवाल उठाए हैं.
इन सवालों का जवाब देते स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि, दुनिया में एक लाख मरीजों पर मौत का आंकड़ा 4.4 का है और भारत में यह आंकड़ा केवल 0.3 है. यह दुनिया में सबसे कम है. यह सब लॉकडाउन और समय पर मैनेजमेंट की वजह से संभव हुआ है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को बताया कि अब तक 60,490 मरीज कोरोना संक्रमण से उबर चुके हैं. रिकवरी रेट में लगातार सुधार हो रहा है और यह फिलहाल 41.61 प्रतिशत बना हुआ है.
वहीं इस घातक संक्रमण से होने वाली मौतों की दर भी दुनिया में किसी भी देश के मुकाबले भारत में कम है. यहां यह 2.87 प्रतिशत है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 6535 नए केस सामने आए हैं और 146 मौतें हुई हैं. देश में संक्रमण के कुल मामले 1,38,845 हो गए जबकि मृतकों की संख्या 4,021 हो गई.
उन्होंने कहा कि, दुनिया में एक लाख मरीजों पर 4.4 डेथ रिपोर्ट हुई हैं. भारत में यह आंकड़ा केवल 0.3 है. यह दुनिया में सबसे कम है. हम समय रहते इतनी सारी जिंदगियों को इसलिए बचा पाए क्योंकि हमने इस महामारी को समय पर पहचान कर लॉकडाउन का फैसला लिया. इसके बाद कोरोना वायरस रोकथाम के लिए देश में उच्छ प्रबंधनों की व्यवस्था भी की गई. ICMR के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि, पहले के मुकाबले हम लोगों से जांच बढ़ा दी है. इस समय रोज 1.1 लाख सैंपल टेस्ट हो रहे हैं.
वैक्सीन ट्रायल के एक सवाल पर डॉ. भार्गव ने कहा कि, भारत में हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन रिचर्स चल रही है. जब तक हमारे पास कोई पूर्णरूप से दवा या वैक्सीन नहीं आ जाती है तब तक हम इमरजेंसी केस में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
उन्होंने डॉक्टरों को सलाह देते हुए कहा कि, हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा खाली पेट न लें, बल्कि कुछ खाने के बाद लें. कोरोना के इलाज के दौरान एक ईसीजी भी करवा लेना चाहिए. हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के फायदों को देखते हुए इसे फ्रंटलाइन वर्कर्स को लेने भी इजाजत दी गई है.