रंजीत कुमार,
सीतामढ़ी: भारत नेपाल में सीमा विवाद को लेकर तल्ख़ियों के बीच बागमती तटबंध को लेकर एक बार फिर तनातनी हो गई है. नेपाल की तरफ से आपत्ति के बाद इस तटबंध पर बांध सुरक्षात्मक कार्य रुक गया है .नेपाल का कहना है कि नो मैंस लैंड पर भारत की ओर से तटबंध पर 2 मीटर चौड़ाई व 200 मीटर लंबाई में भारत की ओर से अतिक्रमण किया गया है. वह इस जमीन को अपनी जमीन बता रहा है.
भारत की तरफ से सीमा की सुरक्षा में तैनात एसएसबी 20 वीं बटालियन के कमांडेंट तपन कुमार दास ने कहा कि सीतामढ़ी व पूर्वी चंपारण की सीमा पर बलुआ गांव के समीप बॉर्डर पिलर संख्या 346/6 पर बांध सुरक्षात्मक कार्य चल रहा था. नेपाली नदियों में आयी बाढ़ से भारत के क्षेत्र को बचाने के लिए इस तटबंध पर सुरक्षात्मक कार्य किया जा रहा था. मगर नेपाल की तरफ से रौतहट जिला प्रशासन ने अतिक्रमण का मामला बताकर आपत्ति जताई. नेपाल अपनी जिद पर अड़ा हुआ है. नो मैंस लैंड पर एसएसबी सख्त पहरा दे रही है. उधर नेपाली आर्म्स पुलिस फोर्स (एटीएफ) भी लगातार गश्त कर रही है.
दोनों ओर से बैठक करने बाद भी अबतक हल नही निकल पाया है.एसएसबी कमांडेंट ने कहा कि नेपाल की आपत्ति के बाद बांध का निर्माण कार्य नहीं हो रहा है. प्रशासन के स्तर पर मौजूदा हालात से गृह मंत्रालय को भी अवगत करा दिया गया है. कमांडेट ने कहा कि अभी बरसात का मौसम है तो इस समय मिट्टी का कार्य भी नहीं हो पाएगा. इसलिए काम रुका हुआ है.
हालांकि, कमांडेंट ने ये भी कहा कि बॉर्डर पर स्थिति बिल्कुल सामान्य है. उन्होंने कहा कि नेपाल का तर्क है कि बलुआ-गुआबारी तटबंध पर सुरक्षात्मक कार्य के दौरान भारत की ओर से नो मैंस लैंड पर उसकी साइड (नेपाल) में अतिक्रमण कर लिया गया है. इस बात पर उसने उस जगह पर खंभा गाड़ दिया है. दोनों तरफ से सीमा की पैमाइश भी की गई है. उसकी(नेपाल) साइड में भारतीय मजदूरों की गलती से मिट्टी का कुछ हिस्सा गिर गया था. बलुआ गांव के लोगों ने ही तटबंध मरम्मत का ठेका ले रखा है.