हस्तशिल्प प्रशिक्षणार्थियों को समूह बनाकर प्रशिक्षण प्राप्त करने की सलाह दी
बोकारो:- जिले के स्थानीय हस्तशिल्पियों पेंटिंग एवं बैम्बो क्राफ्ट के शिल्पकारों के द्वारा बनाए हुए हस्तशिल्प एवं दस्तकारी की उचित कीमत दिलाने एवं उनकी कला को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाते हुए देश के विभिन्न हिस्सों के बाजारों में बेचने के लिए रचनात्मक कड़ी बनाने हेतु आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का आज दिनांक 13 फरवरी, 2021 को चास स्थित न्यू प्रभात होटल में समापन हुआ. क्लस्टर मैनेजर झारक्राफ्ट श्री अजय कुमार ने बताया कि हस्तशिल्प प्रशिक्षणार्थियों को समूह बनाकर प्रशिक्षण प्राप्त करने की सलाह दी. उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त करने के विभिन्न तरीकों के बारे में विस्तार से बताया.
क्लस्टर मैनेजर झारक्राफ्ट अजय कुमार ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि मार्केट में प्रोडक्ट की बिक्री कैसे हो सके. मार्केट वही होता है जहां क्रेता और विक्रेता मिलता है. हमें अपने प्रोडक्ट को अलग-अलग वेरिएंट (डिजायनर) में बनाना होगा तभी जाकर मारा प्रोडक्ट मार्केट में दिखेगा. प्रोडक्ट को मार्केट के हिसाब से प्रोडक्ट का रेट तय करना होगा कि कस्टमर प्रोडक्ट खरीद सके. प्रोडक्ट का रेट नहीं ज्यादा कम करना रखना होगा की विक्रेता को हानि हो और नहीं ज्यादा रखना होगा की प्रोडक्ट को कस्टमर ऑफ कर सके. प्रोडक्ट को कस्टमर के हिसाब से ही मूल्य रखना होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि सभी हस्तशिल्प कामगारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लाभ दिया जाएगा.
गीता शर्मा ने बताया कि भारतीय परंपरा में हस्तशिल्प का प्रमुख स्थान रहा है. इससे निर्मित वस्तुएं, वस्तुएं नहीं होती बल्कि का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी होता है. उन्होंने आर्ट के नये-नये डिजायनर एवं विपणन के बारे में शिल्पकारों को विस्तृत जानकारी दिया.
दो दिवसीय कार्यशाला को सफल बनाने में अरत कुमार, इंद्र नारायण शेखर बाबू, विनोद कुमार, अरविंद कुमार, अश्विनी कुमार सिन्हा, आशुतोष कुमार, गौरव कुमार सहित अन्य उपस्थित थे.