ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अरगची ने कहा कि ईरान यूरेनियम उत्पादन को बढ़ाएगा और यह कुछ एक घंटों में 3.67 फीसदी से ज्यादा होगा। उन्होंने कहा कि ईरान अब भी चाहता है कि परमाणु समझौता बना रहे, लेकिन अमेरिका और यूरोप के देश अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हट रहे हैं। ईरान ने परमाणु समझौते पर बाकी हस्ताक्षरकर्ता देश फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, चीन और रूस को 60 दिनों का वक्त दिया था कि वे अमरीकी प्रतिबंध से बचाएं। विश्व शक्तियों के साथ 2015 में हुआ परमाणु समझौता खटाई में पड़ने के बाद अब ईरान ने अमेरिका को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि वह यूरेनियम संवर्धन के स्तर को बढ़ाने के लिए पूरी तैयार है। साथ ही ईरान ने कहा कि उसके यूरेनियम संवर्धन की कोई सीमा और मात्रा नहीं होगी और वह इसे किसी भी स्तर पर ले जाएगा।
ईरान ने यह घोषणा तब की है जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी से बात कर परमाणु समझौते के उल्लंघन पर चिंता जताई थी। रूहानी ने कहा था कि यूरोप के देशों को कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे परमाणु समझौता बच सके।
अरगची ने कहा कि 60 दिनों की समय सीमा खत्म हो चुकी है, इसलिए ईरान यूरेनियम संवर्धन बढ़ाने जा रहा है। ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रवक्ता बेहरोज कमालवंदी ने कहा कि हम यूरेनियम संवर्धन को किसी भी स्तर पर ले जाएंगे। इसकी कोई सीमा और मात्रा नहीं होगी।
ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे यूरोपीय देश जब तक तेहरान को अमेरिका के आर्थिक प्रतिबंधों से बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैं तब तक उनका देश हर 60 दिनों में परमाणु समझौते को लेकर अपनी प्रतिबद्धताओं को कम करता रहेगा।
अधिकारियों ने कहा कि कल सुबह जब अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) सैंपल इकट्ठा करेगी तो इसके कुछ घंटों बाद ईरान का यूरेनियम उत्पादन 3.67 फीसदी से ज्यादा हो जाएगा। ईरान ने मई महीने में यूरेनियम का उत्पादन शुरू कर दिया था। शर्तों के हिसाब से ईरान के पास जितने यूरेनियम होने चाहिए उससे पहले से ही ज्यादा हैं।
2018 में अमेरिका ने तोड़ा था समझौता
ट्रंप प्रशासन 2018 में एकतरफा फैसला लेते हुए ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से पीछे हट गया था। इसके बाद से अमेरिका ईरान पर कई कड़े प्रतिबंध लगा चुका है। गौरतलब है कि परमाणु हथियार बनाने के लिए यूरेनियम को 90 फीसदी तक संवर्धित करने की जरूरत पड़ती है और 20 फीसदी तक के स्तर पर इसे ले जाना वास्तव में उसी दिशा में कदम है। ईरान इनकार करता है कि वो यूरेनियम संवर्धन परमाणु हथियारों के लिए बढ़ा रहा है।
विश्व शक्तियों के साथ 2015 में हुआ परमाणु समझौता खटाई में पड़ने के बाद अब ईरान ने अमेरिका को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि वह यूरेनियम संवर्धन के स्तर को बढ़ाने के लिए पूरी तैयार है। साथ ही ईरान ने कहा कि उसके यूरेनियम संवर्धन की कोई सीमा और मात्रा नहीं होगी और वह इसे किसी भी स्तर पर ले जाएगा।
ईरान ने यह घोषणा तब की है जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी से बात कर परमाणु समझौते के उल्लंघन पर चिंता जताई थी। रूहानी ने कहा था कि यूरोप के देशों को कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे परमाणु समझौता बच सके।
ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अरगची ने कहा कि ईरान यूरेनियम उत्पादन को बढ़ाएगा और यह कुछ एक घंटों में 3.67 फीसदी से ज्यादा होगा। उन्होंने कहा कि ईरान अब भी चाहता है कि परमाणु समझौता बना रहे, लेकिन अमेरिका और यूरोप के देश अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हट रहे हैं। ईरान ने परमाणु समझौते पर बाकी हस्ताक्षरकर्ता देश फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, चीन और रूस को 60 दिनों का वक्त दिया था कि वे अमरीकी प्रतिबंध से बचाएं।
अरगची ने कहा कि 60 दिनों की समय सीमा खत्म हो चुकी है, इसलिए ईरान यूरेनियम संवर्धन बढ़ाने जा रहा है। ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रवक्ता बेहरोज कमालवंदी ने कहा कि हम यूरेनियम संवर्धन को किसी भी स्तर पर ले जाएंगे। इसकी कोई सीमा और मात्रा नहीं होगी।
ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे यूरोपीय देश जब तक तेहरान को अमेरिका के आर्थिक प्रतिबंधों से बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैं तब तक उनका देश हर 60 दिनों में परमाणु समझौते को लेकर अपनी प्रतिबद्धताओं को कम करता रहेगा।
अधिकारियों ने कहा कि कल सुबह जब अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) सैंपल इकट्ठा करेगी तो इसके कुछ घंटों बाद ईरान का यूरेनियम उत्पादन 3.67 फीसदी से ज्यादा हो जाएगा। ईरान ने मई महीने में यूरेनियम का उत्पादन शुरू कर दिया था। शर्तों के हिसाब से ईरान के पास जितने यूरेनियम होने चाहिए उससे पहले से ही ज्यादा हैं।