नई दिल्ली:- आज दुनिया भर में महान वैज्ञानिक गणितज्ञ आइजैक न्यूटन का जन्मदिवस मनाया जा रहा है. आइजैक न्यूटन न केवल एक वैज्ञानिक थे, बल्कि गणितज्ञ, भौतिकविद, खगोलविद, धर्मशास्त्री के अलावा भी बहुत कुछ थे. गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) गति (Motion) के नियमों का ईजाद करने वाले न्यूटन की बहुत सारी खोजें आविष्कारों ने दुनिया में आमूलचूल बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वैसे तो न्यूटन को लेकर कई किस्से मशहूर हैं, लेकिन उनके बारे में कहा जाता है कि उनकी दो जन्मतिथियां थीं.
उनके दौर में प्रचलित कैलेंडरों के चलते उनकी दो जन्मतिथियां गिनी जाने लगीं. दोनों जन्मदिन में 10 दिनों का अंतर है.
बताया जाता है कि चार जनवरी के अलावा 25 दिसंबर को भी न्यूटन का जन्मदिन मनाया जाता है. यह भी कहा जाता है कि इंग्लैंड में न्यूटन 25 दिसंबर को ही अपना जन्मदिन मनाते थे, जबकि इंग्लैंड से बाहर उनका जन्मदिन 4 जनवरी को मनाया जाता था. तब इंग्लैंड में जूलियन कैलेंडर का उपयोग होता था, जिसके मुताबिक न्यूटन का जन्म 25 दिसंबर 1642 को हुआ था, वहीं बाकी यूरोप में तब ग्रिगोरियन कैलेंडर अपनाया जा चुका था, जिसके हिसाब से न्यूटन 4 जनवरी 1643 को पैदा हुए थे. चूंकि आज भी ग्रिगोरियन कैंलेंडर पूरी दुनिया में प्रचलित हो गया है, इसी कारण आधिकारिक रूप से 4 जनवरी को ही उनकी जन्मतिथि मानी गई.न्यूटन ने शादी नहीं की थी. 20 मार्च 1727 को लंदन में उनका निधन हुआ था. कहा जाता है कि मृत्यु के बाद उनके शरीर में ढेर सारा पारा मिला था. पारा मिलने को किसी ने उनके अल्कैमी के प्रयोगों से जोड़ा तो किसी ने रसायन व्यवसाय से.