नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राजधानी दिल्ली के उत्तर-पूर्वी हिस्सों में फरवरी में हुई हिंसा को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में आवाज उठाई.
छपी खबर के अनुसार, दिल्ली हिंसा को लेकर ओवैसी ने सरकार को घेरा और कई सवाल दागे.
उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा को एक सांप्रदायिक दंगा कहना सबसे बड़ा मजाक होगा.
यह एक प्रोग्राम के तहत किया गया दंगा था. यहां सवाल हिन्दू और मुस्लिम का नहीं है, बल्कि यह इस बारे में है कि क्या आप (सरकार) अपने संवैधानिक कर्तव्य को निभाएंगे.
ओवैसी ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के वर्तमान जज की निगरानी में दिल्ली हिंसा की जांच की मांग करता हूं. उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम की जांच होनी चाहिए.
आपको बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में तीन दिनों तक लगातार हिंसा हुई थी. इस हिंसात्मक घटना में 48 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
दिल्ली हिंसा को लेकर लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने सभी सवालों का जवाब देते हुए विपक्षी दलों को घेरा. शाह ने कहा कि इस हिंसा को भड़काने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, भले ही वह किसी भी संप्रदाय का हो.
शाह ने आगे कहा कि दिल्ली में हिंसा को भड़काने के लिए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया. कांग्रेस व अन्य दलों के नेताओं ने लोगों के भड़काने वाले भाषण दिए.
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि दिल्ली हिंसा में शामिल 700 से अधिक लोगों के खिलाफ FIR दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि 2647 लोगों को या तो गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है. सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.