जामताड़ा: झारखंड का जामताड़ा जिला साइबर अपराध की वजह से बेहद बदनाम है. लेकिन अब इस बदनामी को धोने के लिए पुस्तकालय क्रांति की शुरुआत की जा रही है. जिले के उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज के प्रयास से जामताड़ा जिले में पंचायत स्तर पर पुस्तकालय बनाई जा रही है. जामताड़ा जिले में अब तक 45 पुस्तकालयों की स्थापना की गई है. यह सभी पुस्तकालय साइबर अपराध करने वाले इलाकों में बनाई गई है.
अनुपयोगी पड़े सरकारी भवनों की मरम्मत कराकर उसे पुस्तकालय का रूप दिया जा रहा है. इन पुस्तकालयों में अध्ययन के लिए पुस्तकों के अलावा पढ़ने लिखने के वातावरण पर भी ध्यान दिया जा रहा है, ताकि वहां पहुंचने वाले लोग पुस्तकों में ध्यान लगा सकें और इस माध्यम से ज्ञान अर्जित कर सकें. इसके साथ ही भटके हुए युवाओं को भी मुख्यधारा से जुड़ने की प्रेरणा मिले.
जिले के उपायुक्त फैज अहमद ने बताया कि पुस्तकालयों की स्थापना का काम लगातार जारी है और इसकी सफलता को देखते हुए जिले के 118 पंचायतों में पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी. इन सभी पुस्तकालयों का संचालन स्थानीय लोग करेंगे. उपायुक्त ने बताया कि जामताड़ा जिला ईश्वर चंद्र विद्यासागर की कर्मभूमि रही है. जिन्होंने सर्वप्रथम बालिका शिक्षा प्रारंभ करायी थी.
कर्माटांड़ के कर्मभूमि में ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने समाज को एक नई दिशा देने का काम किया था. लेकिन हाल के दिनों में कर्माटांड़ साइबर क्राइम के लिए पूरे देश में बदनाम हो चुका है. यहां के युवाओं ने रोजगार के अभाव में राह भटक कर साइबर क्राइम का रास्ता अपनाया है. जिन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पुस्तकालय एक अहम कड़ी होगी.
बता दें, जामताड़ा साइबर अपराध की वजह से पूरे देश में ही नहीं बल्कि विश्व में भी बदनाम है. पिछले दिनों अमेरिका ने भी साइबर अपराधियों के ब्रेन मैपिंग की बात कही है. ऐसे में यहां के भटके हुए युवकों को मुख्यधारा में जोड़ने लिए पुस्तकालय एक कारगर उपाय है.