जापान में स्थित एक टीम अन्तर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के पास अंतरिक्ष में जाने वाली लिफ्ट की जांच कर रही है. इसकी जांच इस महीने की जा सकती है. अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि इससे इंसान अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे या नहीं लेकिन ये बता दिया गया है कि इसके परीक्षण के बाद दो सैटेलाइट को एक केबल के जरिए जोड़ा जा सकेगा. बता दें कि कार्बन बेहद हल्का और स्टील से 20 गुना मजबूत होता है इसलिए इस लिफ्ट को बनाने के लिए कार्बन नैनोट्यूब तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा.
अभी परीक्षण के लिए वैज्ञानिकों ने छोटी लिफ्ट बनाई है. ये लिफ्ट शिंजुओका यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बनाई है. इस लिफ्ट का कमरानुमा बॉक्स छह सेंटीमीटर लंबा, तीन सेंटीमीटर चौड़ा और तीन सेंटीमीटर ऊंचा होगा. परीक्षण के लिए अंतरिक्ष में दो मिनी सैटेलाइट्स के बीच 10 मीटर तक का केबल लगाया जाएगा. इस केबल के जरिए दोनों सैटेलाइट एक-दूसरे से पूरी तरह संपर्क में रहेंगी.
लिफ्ट के उस एलिवेटर बॉक्स में कैमरे भी लगे होंगे जिससे सैटेलाइट और लिफ्ट की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. वैज्ञानिकों का कहना है कि ये केवल एक शुरुआती चरण है. अभी इसे केवल परीक्षण के लिए तैयार किया जा रहा है.
खास बात ये है कि इस बारे में आइडिया सबसे पहले 123 साल पहले आया था। 1895 में अंतरिक्ष तक जाने के लिए लिफ्ट बनाने का आइडिया रूस के वैज्ञानिक कॉन्स्टानटिन तॉसिल्कोवास्की ने दिया था. वैज्ञानिक के पास ये आइडिया एफिल टावर देखने के बाद आया था.