प्रमुख संवाददाता : उपेंद्र सिंह
नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड यानि जदयू बिहार से बाहर एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी,इसकी घोषणा पहले से नीतीश कुमार करते रहे हैं. भविष्य में तय समय पर होने वाले 4 राज्यों में जदयू ने अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है. जदयू पार्टी ने यह निर्णय दिल्ली, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखकर लिया है , इसके पीछे का एक बड़ा कारण इस बात को भी माना जा रहा है कि मोदी के मंत्रिमंडल में जदयू को विशेष तरज़ीह नहीं मिलना भी बताया रहा है और दूसरा बड़ा कारण पार्टी अपना अलग वजूद कायम करना चाहती है. जदयू की यह विशेष रणनीति अपने कार्यकर्ताओं को सन्तुष्ट रखते हुये विधानसभा चुनाव के बहाने सदस्य संख्या बढाना भी है क्योंकि गठबंधन करने वाले दलों से अपने दल में कार्यकर्ता तरज़ीह ना मिलने से दूसरे दल की राह पकड़ लेते हैं.
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झारखंड में भी पार्टी की नेताओं की भी सोच है कि जदयू यहाँ से हासिये पर आ गया है. इसका बड़ा कारण ये भी रहा है कि यहां पर जदयू को गठबंधन की मजबूरी के तहत अबतक मजबूत जनाधार वाले विधानसभा सीटों का त्याग तक करना पड़ा है और जिससे कार्यकर्ता मायूस हो कर दूसरे दलों की राह पकड़ते गये और जदयू यहाँ के विधानसभा में शून्य पर पहुँच गयी है.
राजनीतिक सूत्रों की माने तो सुशासन बाबू नीतीश कुमार और दल के वरिष्ठ नेताओं की सोच है कि बिहार की तर्ज पर पार्टी झारखंड में भी जातीय समीकरण को ही आधार बनाकर चुनावी दाव खेलने के लिये सीटों की पहचान में जुट गयी है. पार्टी उन सीटों पर खास ध्यान दे रही है, जहां पर पूर्व में समता पार्टी का आधार रहा था और जदयू के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा कुर्मी जाति बहुल इलाकों पर भी जोर लगाने का निर्देश झारखंड के नेताओं को दिया गया है.
जदयू कई राज्यों में अपना खाता खुलने से भी उत्साहित है और दल के नीतीश समेत तमाम कदावर हम किसी से कम नहीं के तर्ज पर दावा भी करते हैं कि जेडीयू राष्ट्रीय स्तर का संगठन है. और जदयू पार्टी के विस्तार के लिए चुनाव में उतर कर ही अपनी अलग पहचान कायम रखी जा सकती है.
जदयू के उत्साहित नेताओं का कहना भी है कि हम लोग अरुणाचल प्रदेश में लड़े और वहां के कई सीटों पर भी विजयी हुए हैं. नागालैंड तक में हमारे विधायक हैं.उन्होंने कहा कि जेडीयू के चुनाव लड़ने के फैसले को और किसी नजरिए से देखना उचित नहीं है और जनता दल राज्यों की तरह झारखंड में भी विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के लिए नेताओं की तलाश कर रही है. और विभिन्न विधानसभा सीटों को देखते कई लोगों को जदयू पार्टी में शामिल कराया जा रहा है. जेडीयू जमीनी स्तर पर संगठन का हाल जानने और चुनावी मिजाज को भांपने के लिए झारखंड में जदयू की संभावनाओं की तलाश में राजनीतिक रणनीतिकार और पार्टी नेता प्रशांत किशोर की टीम जुट गई है . प्रशांत किशोर की टीम ने राज्य के अलग-अलग हिस्सों का दौरा किया है. नेताओं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया जा रहा है. सीटों पर पार्टी द्वारा सुझाये गये प्रत्याशियों की स्थिति को टटोला जा रहा है. पलामू, उत्तरी छोटानागपुर, संताल परगना की सीटों पर सर्वे का काम चल रहा है. सर्वे टीम स्वतंत्र रूप से काम कर रही है.
जदयू विशेष रूप से पलामू पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रही है,जातिगत समीकरण को महत्वपूर्ण मान कर जदयू लगा रही है ताकत
जदयू का 81 सीट पर नहीं लगभग 35 सीट पर पकड़ है. जात -पात का वोट बैंक तलाश में जदयू ने पलामू पर पार्टी का सबसे ज्यादा ध्यान केंद्रित है. दल डालटनगंज, हुसैनाबाद, पांकी, भवनाथपुर, छत्तरपुर, गढ़वा, चतरा, लातेहार जैसी विधानसभा सीटों पर केंद्रीय नेतृत्व द्वारा तैयारी करने को कहा गया है. वहीं, संथाल परगना में शिकारीपाड़ा पर पार्टी अपना दांव लगा सकती है. देवघर, जरमुंडी विधानसभा क्षेत्रों में भी दमदार प्रत्याशी की तलाश में जदयू लग गई है. और दक्षिणी छोटानागपुर में तमाड़, खूंटी, सिल्ली पर भी पार्टी ईचागढ़, मांडू, गोमिया, हजारीबाग व कोडरमा विधानसभा सीटों को भी वैसे दमदार चेहरे को पार्टी का सिम्बोल देने के लिये मनाया जाएगा जो की अपने बूते ही जदयू के लिये सीट निकाल लेगा।
अपनी ताकत बढ़ाना जदयू और नीतीश की मजबूरी
जदयू सीटों को इजाफा करने में इसलिये भी जुटी हुई है क्योंकी उसे केंद्रीय चुनाव आयोग से राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता हासिल करने की अड़चन दूर हो जाये, जदयू और नीतीश का जोर इस बात पर रहा है. जदयू को राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता हासिल करने के लिए तत्काल किसी भी राज्य के विधानसभा चुनाव में 10 प्रतिशत वोट मिलना आवश्यकता है. इसके साथ ही पार्टी को दो से चार सीटों पर जीत दर्ज करनी होगी. जदयू के लिये झारखंड का चुनाव सुनहरा मौका है और बिहार से सटे इस इलाके में वह सफलता दर्ज कर के राष्ट्रीय पार्टी के समानांतर खड़ा होने के साथ -साथ भाजपा को भी चुनौती दे पाएगी जिससे कि बिहार में भी विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखाने का मौका होगा।